पाकिस्तान से 7 महीने में आई 193 करोड़ रुपये की हेरोइन, तस्करी के लिए पसंदीदा इलाका बना अनूपगढ़

पाकिस्तान तस्कर शक्तिशाली ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं और जीपीएस के माध्यम से एक निश्चित लोकेशन सेट की जाती है और भारतीय तस्करो के सिग्नल मिलते ही हेरोइन की खेप गिरा दी जाती है.

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फाइल फोटो

Heroin Smuggling: सीमा पार से पाकिस्तान आए दिन भारत में मादक पदार्थ हेरोइन की तस्करी करने की कोशिश करता है. सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान, सीआईडी और पुलिस की सक्रियता के कारण बहुत बार तस्कर पकडे जाते हैं. हैरानी की बात यह है कि सीमा इलाके में पकड़ी जाने वाले हेरोइन के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं.

अनूपगढ़ एसपी रमेश मौर्य ने बताया कि एक जनवरी से अब तक लगभग 38 किलो 500 ग्राम हेरोइन पकड़ी जा चुकी है. जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 193 करोड़ है. उन्होंने बताया कि अनूपगढ़ जिले का काफी इलाका पाकिस्तानी सीमा से सटा हुआ है और यह इलाका जंगल और रेगिस्तान के रूप में है. जिससे तस्करो को तस्करी के लिए अनुकूल जगह मिल जाती है. उन्होंने बताया कि पंजाब के बाद अब तस्करो ने इस इलाके का रुख किया है. 

पंजाब में की जाती है हेरोइन की तस्करी

अनूपगढ़ एसपी रमेश मौर्य ने बताया कि पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन पंजाब में तस्करी की जाती है. अधिकतर तस्कर पंजाब के फाजिल्का, अमृतसर और तरनतारन इलाके के होते हैं. उन्होंने बताया कि थोड़े रुपयों के लालच में स्थानीय लोग भी इनका शिकार हो जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक़, पंजाब में बैठे बड़े तस्कर स्थानीय लोगो को एक किलो हेरोइन के बदले पचास हजार तक का लालच देते हैं और स्थानीय लोग रुपयों के लालच में पाक्सितान से आने वाली हेरोइन को लेने के लिए सीमा के नजदीक चले जाते हैं.

ड्रोन के माध्यम से होती है तस्करी

बता दें कि ड्रोन के माध्यम से हेरोइन की तस्करी की जाती है. पाकिस्तान तस्कर शक्तिशाली ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं और जीपीएस के माध्यम से एक निश्चित लोकेशन सेट की जाती है और भारतीय तस्करो के सिग्नल मिलते ही हेरोइन की खेप गिरा दी जाती है. एक बार में करीब चार से आठ किलो हेरोइन की खेप मंगवाई जाती है.

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आमजन के सहयोग की दरकार 

अनूपगढ़ एसपी रमेश मौर्य और बीसएफ के अधिकारियो ने कहा कि एंटी ड्रोन सिस्टम नहीं होने से तस्कर हेरोइन की खेप मंगवा लेते हैं लेकिन स्थानीय लोग यदि सहयोग करें तो यह तस्करी रुक सकती है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगो की जानकारी तुरंत पुलिस को दे. इसके साथ साथ खुद भी इन तस्करो का शिकार होने से बचे तो इस तस्करी पर लगाम लग सकती है.