राजस्थान उपचुनाव के बीच दौसा में सबसे ज्यादा अवैध जब्ती, 7 जिलों में 92.68 करोड़ रुपये के सामान पकड़े गए

राजस्थान के सात जिलों में 15 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया को धन-बल के प्रभाव से मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा जब्तियां की जा रही है.

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Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के दौरान करोड़ों रुपये की अवैध जब्ती की जा रही है. इस दौरान अवैध नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य सामग्री के मुफ्त वितरण पर कड़ी नजर रखी जा रही है. विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियां और निगरानी दल इन वस्तुओं की धरपकड़ के लिए लगातार सक्रिय हैं और 7 जिलों में अब तक कुल 92.68 करोड़ रुपये की नकद एवं अवैध शराब सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है. 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि 15 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया को धन-बल के प्रभाव से मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए वस्तुओं के मुफ्त वितरण को रोकने के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा गठित उड़न दस्ते (एफएस), स्थैतिक निगरानी टीमें (एसएसटी) एवं पुलिस आदि एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं.

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राजस्थान पुलिस ने की सबसे ज्यादा जब्ती

महाजन ने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही करते हुए राज्य पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों में से सर्वाधिक 76.07 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती राजस्थान पुलिस ने की है. उन्होंने बताया कि सभी एजेंसियों ने 7 जिलों में कुल मिलाकर 4.22 करोड़ रुपये नकद राशि पकड़ी है. एजेंसिंयों के बीच परस्पर समन्वय से 5.52 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अवैध शराब और 42 लाख रुपये कीमत के नशीले पदार्थ भी जब्त किए गए हैं. लगभग 1.2 करोड़ रुपये मूल्य की सोना-चांदी आदि कीमती धातुएं जब्त की गई हैं.

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दौसा में सबसे ज्यादा पकड़े गए अवैध सामान

महाजन के अनुसार, मतदाताओं को लुभाकर चुनाव को प्रभावित करने में नकद राशि और शराब की सबसे अधिक भूमिका रहती है. इस तथ्य के दृष्टिगत राजस्थान निर्वाचन विभाग ने अवैध वस्तुओं की धरपकड़ में नकदी और शराब की जब्ती को अधिक महत्त्व देते हुए जिलों की रैंकिंग की है. भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की इस 'वेटेड रैंकिंग' की पहल की प्रशंसा की है. इस रैंकिंग के अनुसार दौसा जिला प्रथम, नागौर दूसरे और अलवर तीसरे स्थान पर हैं. दौसा जिले में कुल 21.89 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती हुई है. नागौर में 14.51 करोड़ रुपये और अलवर जिले में 13.52 करोड़ रुपये की अवैध नकदी और वस्तुएं पकड़ी गई हैं.

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विधानसभा चुनाव 2023 की तुलना में अधिक जब्तियां

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 की तुलना में वर्तमान में उपचुनाव के दौरान इन 7 विधानसभा क्षेत्रों में जब्ती की कार्रवाई में 120 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 500 प्रतिशत से अधिक की जब्ती की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. चौरासी क्षेत्र में अवैध वस्तुओं की धरपकड़ में 390 प्रतिशत और दौसा में 288 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

दौसा, झुंझुनू और अलवर में बड़ी कार्रवाई

महाजन के अनुसार, आचार संहिता की अवधि के दौरान अवैध वस्तुओं और नकदी के परिवहन एवं वितरण के सम्बन्ध में बड़ी कार्रवाई में दौसा जिले में एक वाहन से 1.96 करोड़ रुपये नकद राशि जब्त की गई है. झुंझुनू जिले के बगड़ में भी नाकेबंदी के दौरान बीते 3.4 लाख रुपये नकद और लगभग 35 लाख रुपये मूल्य के सोने की जब्ती की गई. एक अन्य प्रकरण में अलवर जिले में एक नाके पर वाहनों की तलाशी कर जांच टीमों ने दो कारों से कुल 36.95 लाख रुपये नकद जब्त किए. दौसा में ही एक कंटेनर में खाद्य सामग्री की आड़ में अवैध शराब का परिवहन किया जा रहा था. इस कंटेनर में हरियाणा में निर्मित अवैध शराब पकड़ी गई, जिसकी कीमत लगभग 23 लाख रुपये है.

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