Hiralal Nagar reply to Ashok Gehlot: ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि गहलोत अपने कार्यकाल की महान गलतियों को भूल रहे हैं. गहलोत सरकार ने साढ़े 4 साल जनता पर जमकर करों का बोझ लादा और कई बार बिजली की दरों को बढ़ाया. 100 यूनिट बिजली फ्री करने की बात करने से पहले उन्हें यह याद होना चाहिए कि ये चुनावी रेवड़ियां थी, जो चुनाव से 5 महीने पहले दी गई थी. सरकार से जाते-जाते 100 यूनिट मुफ्त बिजली देकर वोटों की फसल काटना चाहते थे. हीरालाल नागर ने तंज कसते हुए कहा, "जब जमीन से जुड़ा एक व्यक्ति जनता की सेवा करता है तो इमारतें हिलती है और जमीन खिसकती है. जब कोई व्यक्ति एक अंगुली दूसरे पर करता है तो तीन अंगुली अपनी तरफ भी होती है."
कांग्रेस सरकार ने दिया जर्जर बिजली तंत्र
मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्तीं सरकार ने हमें विरासत में जर्जर बिजली तंत्र दिया है. कांग्रेस सरकार ने बिजली के उत्पादन, प्रसारण और वितरण के सुदृढ़ीकरण पर ध्यान नहीं दिया. कांग्रेस सरकार के समय एक्सचेंज से महंगी दरों पर बिजली खरीदी गई. पूर्ववर्ती सरकार को आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य के डिस्कॉम्स 88 हजार 700 करोड़ रुपए के ऋण के साथ दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गए. समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण बिजली कम्पनियों पर 300 करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई गई.
प्रदेश में बिजली आपूर्ति में कमी नहीं आने दी
नागर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिंग व्यवस्था के तहत वर्ष 2023 के सितम्बर महीने में रबी सीजन की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अन्य राज्यों से बिजली लेने का करार किया था. कांग्रेस सरकार के उस कर्ज को हमारी सरकार को चुकाना पड़ा. पूर्ववर्ती सरकार के अविवेकपूर्ण निर्णय के कारण प्रतिदिन 147 लाख यूनिट बिजली लौटानी पड़ी, लेकिन हमारी सरकार ने प्रदेश में बिजली आपूर्ति में कमी नहीं आने दी.
हमारी सरकार ऊर्जा उत्पादन बढ़ा रही- हीरालाल नागर
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा, "हमारी सरकार भविष्य में प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे ही है. प्रसारण और वितरण तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में समग्र रूप से कार्य कर रही है. राजस्थान डिस्कॉम्स ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुमत टैरिफ में लगभग सभी विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी श्रेणी अनुसार विद्युत शुल्क में न्यूनतम 35 पैसे से 80 पैसे प्रति यूनिट तक की राहत दी है. डिस्कॉम्स के 25 वर्ष में यह पहला अवसर है जिसमें एनर्जी चार्जेज में छूट दी गई है."
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