NEET परीक्षा धांधली के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से कैसे जुड़े तार? डमी कैंडिडेट बनने वाला एक और छात्र आया शिकंजे में

NEET परीक्षा में धांधली के तार झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से भी जुड़ने की खबर सामने आई है. यहां का छात्र डमी कैंडिडेट बनकर नीट की परीक्षा दे रहा था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan News: राजस्थान में पेपर में धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों के खिलाफ नकेल कसने का सिलसिला लगातार जारी है. नीट परीक्षा में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज का एक और डमी स्टूडेंट होना सामने आया है. दिल्ली के वसंत कुंज नॉर्थ थाने में इसकी एफआईआर दर्ज है. पूरे मामले में कुल 6 लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी जिनमें से 3 गिरफ्तार हो चुके हैं. साथ ही फरार चल रहे तीनों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुके है. पुलिस द्वारा अब केस सीबीआई (CBI) को सौंप दिया गया है. इससे पहले भी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की ही एक और डमी कैंडिडेट निशिका यादव की भी गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है.

बता दें कि 5 जून को दिल्ली के वसंत कुंज स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में नीट का सेंटर था. केंद्राधीक्षक और बायोमेट्रक टीम की जांच के बाद पता चला कि सुनील डौकिया और सुरेश विश्नोई की जगह झालावाड़ के भगवान पुत्र शंकरसिंह और सिरोही के हिमांशु पुत्र द्वारका प्रसाद परीक्षा दे रहे थे. सेंटर इंचार्ज की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. भगवान नागौर का रहने वाला है. जिन छात्रों दोनों की जगह ये परीक्षा दे रहे थे, वे जालौर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

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जाली आधार कार्ड जब्त

पुलिस ने इनके प्रवेश पत्रों की जांच की तो पता चला कि दोनों एडमिट कार्ड पर भगवान सिंह व हिमांशु के फोटो हैं. जबकि नाम असली अभ्यर्थियों के थे. भगवानसिंह की तलाशी में सुनील डौकिया के नाम से जारी एक जाली आधार कार्ड भी बरामद हुआ, जिस पर फोटो भगवान सिंह का और नाम सुनील का था. हिमांशु से भी आधार कार्ड मिला जिस पर सुरेश बिश्नोई का नाम था और फोटो हिमांशु की थी. पुलिस ने दोनों आधार जब्त कर लिए हैं.

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झालावाड़ का अशोक बना माध्यम

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले में भगवान और हिमांशु को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के एक अन्य डॉक्टर अशोक कुमार को बाद में गिरफ्तार किया गया. अशोक झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में ही भगवान सिंह का सीनियर है. उसी ने असल अभ्यर्थी और भगवान सिंह की बात करावाई थी.

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वहीं झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर एस के जैन का कहना है कि जांच एजेंसी द्वारा कॉलेज से जो भी सूचना और सहयोग मांगा जा रहा है वह कॉलेज द्वारा उपलब्ध करवा दिया गया है. वहीं मामले में अब तक कुल 6 लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई है.

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