Jalore-Sirohi Lok Sabha: वैभव गहलोत के लिए कितनी मुश्किल है जीत की डगर? इस फैक्टर ने बढ़ाई जीत की उम्मीद

बीजेपी ने जालोर-सिरोही सीट पर स्थानीय निवासी लुंबाराम चौधरी को टिकट दिया है. ऐसे में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा उछाला जाएगा. हालांकि, इस सीट पर रिकॉर्ड रहा है कि हमेशा बाहरी उम्मीदवार ने चुनाव जीता है. ऐसे में वैभव गहलोत के लिए प्लस प्वाइंट होगा.

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वैभव गहलोत

Jalore-Sirohi Lok Sabha Seat: जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर इस बार रोमांचक मुकाबला होने वाला है. कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मैदान उतारा है. तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्तमान सांसद देवजी पटेल का टिकट काटकर नए प्रत्याशी लुम्बाराम चौधरी को मैदान में उतारा है.

इस बार लोकसभा चुनावों में जालोर-सिरोही क्षेत्र में 22 लाख 84 हजार मतदान 2125 मतदान केन्द्रों व 38 सहायक मतदान केन्द्रों पर मतदान करेंगे. जिसमें 12 लाख 50 पुरूष मतदाता तथा 10 लाख 84 हजार 689 महिला मतदाता तथा 4 ट्रांसजेण्डर शामिल है.

कांग्रेस को 1999 के बाद से जीत नहीं मिली

इस बार कांग्रेस ने जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से वैभव गहलोत पर दांव लगाया है. जालोर-सिरोही सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन साल 1999 के बाद इस सीट पर कांग्रेस को लगातार चार बार हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वैभव गहलोत पर कांग्रेस का दांव सटीक होगा या नहीं क्योंकि पिछली बार जोधपुर सीट पर वैभव गहलोत को हार का सामना करना पड़ा था.

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बीजेपी ने लुंबाराम चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. लुंबाराम चौधरी सिरोही के निवासी है, ऐसे में वह इस सीट पर स्थानीय है. ऐसे में वैभव के लिए इस सीट पर चुनौती कम नहीं है. बीजेपी पिछले चार चुनाव से लगातार जीत दर्ज करते आ रही है. हालांकि, 1999 तक इस सीट पर कांग्रेस के बूटासिंह का दबदबा था, जिन्होंने यहां से 4 बार जीत दर्ज की है.

जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पिछले 10 चुनाव का हाल

1984 में सरदार बूटासिंह, कांग्रेस 1989 में कैलाश मेघवाल, भाजपा 1991 में फिर सरदार बूटासिंह, 1996 में पारसाराम मेघवाल, कांग्रेस 1998 में सरदार बूटासिंह, कांग्रेस 1999 में सरदार बूटासिंह, कांग्रेस 2004 में बी. शुशीला, भाजपा 2009 में देवजी एम. पटेल, भाजपा 2014में देवजी एम. पटेल, भाजपा 2019में देवजी एम पटेल, भाजपा सांसद रहे हैं. 

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जालोर-सिरोही सीट पर होगा स्थानीय और बाहरी का मुद्दा?

बीजेपी ने जालोर-सिरोही सीट पर स्थानीय निवासी लुंबाराम चौधरी को टिकट दिया है. ऐसे में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा उछाला जाएगा. हालांकि, इस सीट पर रिकॉर्ड रहा है कि हमेशा बाहरी उम्मीदवार ने चुनाव जीता है. ऐसे में वैभव गहलोत के लिए प्लस प्वाइंट होगा. लेकिन 2004 से बीजेपी यहां जीत दर्ज करते आ रही है तो अब इस सीट को बीजेपी के गढ़ के रूप में देखा जा रहा है.

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जालोर-सिरोही सीट से 2009 से 2019 तक देवजी एम पटेल ने लगातार जीत हासिल की है. वहीं, 1999 तक बूटासिंह यहां से चुनाव जीतते आ रहे थे. लेकिन 2004 में बी शुशीला ने बूटासिंह को शिकस्त देकर इस सीट को बीजेपी के पाले में डाल दिया था. तब से यह सीट बीजेपी के पास ही है.

निर्वाचन विभाग द्वारा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता औस धारा-144 लागू की गई है. जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा पार्थ ने कलेक्ट्रेट सभागार में मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल, 2024 के दिन मतदान को लेकर जालोर-सांचौर जिले में 1375 मतदान केन्द्र और 28 सहायक मतदान केन्द्र व सिरोही जिले में 750 मतदान केन्द्र एवं 10 सहायक मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा जिनमें निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग होगी. लोकसभा क्षेत्र में 14 से 21 अप्रेल 2024 तक प्रथम चरण व 22 से 23 अप्रेल 2024 तक द्वितीय चरण में होम वोटिंग होगी

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