सलूंबर सीट पर जीतेश कटारा पलट सकते हैं बाजी, बीजेपी की सहानुभूति फैक्टर पर कांग्रेस और BAP की चुनौती कितनी

राजस्थान की सात विधानसभा सीटों में सलूंबर सीट का त्रिकोणीय मुकाबला काफी पेंचीदा है. इस सीट पर जहां बीजेपी के पास सहानुभूति फैक्टर है वहीं जीतेश कटारा बाजी पलटने की चुनौती दे सकते हैं.

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Rajasthan Assembly By Election: राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव की वजह से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. उपचुनाव में सात सीटों में से सलूंबर सीट काफी चर्चाओं में हैं, क्योंकि यहां मुकाबला त्रिकोणीय है. क्योंकि इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बाद भारत आदिवासी पार्टी भी अब रेस में शामिल है. BAP के उम्मीदवार जीतेश कटारा की चर्चा जोर शोर से हो रही है. क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी जीतेश कटारा उम्मीदवार थे. लेकिन यह सीट उस वक्त बीजेपी के हाथ लगी थी. वहीं उपचुनाव की सात सीटों में सलूंबर सीट ही ऐसी है जो बीजेपी के खाते में थी और इसे बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है.

बीजेपी की सहानुभूति फैक्टर

बीजेपी के अमृत लाल मीणा के निधन पर सलूंबर सीट खाली हुआ है. वहीं बीजेपी ने अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी को उम्मीदवार बनाया है. यानी बीजेपी ने सलूंबर सीट पर सहानुभूति फैक्टर का कार्ड खेला है. जबकि लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे नरेंद्र मीणा टिकट के प्रबल दावेदार थे. उन्होंने शांता देवी के खिलाफ विरोध भी किया लेकिन बीजेपी ने नरेंद्र मीणा को मनाने में सफल रही. लेकिन अब बीजेपी के सामने कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती है.

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बीजेपी के सामने कांग्रेस की कितनी चुनौती

बीजेपी उम्मीदवार शांता देवी के सामने कांग्रेस की चुनौती यह है कि उसने भी महिला उम्मीदवार रेशमा मीणा को मैदान में उतारा है. हालांकि रेशमा साल 2018 में कांग्रेस से बागी के रूप में चुनाव लड़ चुकी है. वहीं अब कांग्रेस के लिए भी परेशानी यह है कि दिग्गज नेता रघुवीर मीणा रेशमा मीणा की उम्मीदवारी से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस को पहले पार्टी के अंदर चीजें सुलझाने की जरूरत है. रघुवीर मीणा 2023 में उम्मीदवार थे और महज 14691 वोट से हारे थे. ऐसे में रघुवीर मीणा की नाराजगी रेशमा मीणा की मुश्किलें और बढ़ा सकती है. जिससे बीजेपी को फायदा मिलना तय है.

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BAP पलट सकती है सलूंबर सीट की बाजी

भारत आदिवासी पाटी (BAP) के उम्मीदवार जीतेश कटारा 2023 विधानसभा चुनाव में भी सलूंबर सीट पर उम्मीदवार थे. जीतेश कटारा को 28395 वोट से हार मिली थी. लेकिन सलूंबर सीट पर जीतेश कटारा इसलिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इस सीट पर जीत की चाभी युवाओं के पास है. अगर ये चाभी जीतेश कटारा के हाथ लग जाती है तो सारी बाजी पलट सकती है. जीतेश कटारा की सभा में भी युवा की संख्या काफी तादाद में दिख रही है. वहीं मतदाता सूची के आंकड़े गवाह है कि युवा सलूंबर सीट पर बाजी पलट सकती है.

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सलूंबर सीट पर मतदाताओं का गणित

कुल मतदाता- 2.97 लाख
पुरुष मतदाता- 1.51 लाख
महिला मतदाता- 1.46 लाख
युवा पुरुष महिला मतदाता- 1.48 लाख
फर्स्ट टाइम वोटर परुष महिला- 11 हजार

यानी कुल मतदाता की संख्या में करीब 50 प्रतिशत मतदाता युवा मतदाता है यानी 40 वर्ष से कम उम्र के मतदाता. वहीं फर्स्ट टाइम वोटर की संख्या भी 11 हजार है जो किसी का भी पलड़ा भारी कर सकता है.

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