बाजार में अलवर के लाल प्याज की जबरजस्त मांग, किसानों के चेहरे खिले

इस साल प्याज की मांग अधिक बढ़ गई है. वर्ष 2021 के बाद प्याज के भाव अच्छे रहने के कारण किसानो के लिए अब यह फायदे का सौदा बनती जा रही है और इसी कारण किसानों का रुझान प्याज की खेती पर हुआ है. प्याज की फसल के बाद कई कर्जदार किसान कर्ज मुक्त हो जायेंगे.

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अलवर की लाल प्याज अब सात समुंदर पार भी अपने जायका का तड़का लगाने के लिए मंडी में आ गई है. अलवर की प्याज को लाल सोना कहा जाता है, प्याज के भाव से किसान तो फिलहाल खुश हैं. लेकिन चार दिन पहले आई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी. इस बार पिछली वर्ष की तुलना में प्याज की पैदावार अधिक हुई है.

अलवर जिले के लिए किसानों की लाइफ लाइन बनी लाल प्याज का उत्पादन लगातार बढ़ता जा रहा है. अलवर के प्याज को पूरे देश की मंडियों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने बाकायदा इसके लिए स्पेशल पैसेंजर ट्रेन की विगत बार शुरुआत भी की थी.
 

अलवर में प्याज का रकबा 2020 में जहां 18 हजार 500 हेक्टेयर था, वहीं अब यह 2023 में 27 हजार हेक्टर तक पहुंच गया है. 

अनुमान है कि इस साल 3 लाख 55 हजार टन प्याज का उत्पादन होगा जो अलवर की अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है. माना यह जा रहा है कि कई राज्यों में प्याज की फसल खराब होने के कारण देशभर के प्याज के व्यापारियों की नजर अलवर के प्याज पर है. अलवर की प्याज की गुणवत्ता भी लगातार सुधरती जा रही है. नवंबर और दिसंबर में अलवर की मंडियों में प्याज की आवक जबरदस्त रहती है.

इस साल प्याज की मांग अधिक बढ़ गई है. वर्ष 2021 के बाद प्याज के भाव अच्छे रहने के कारण किसानो के लिए अब यह फायदे का सौदा बनती जा रही है और इसी कारण किसानों का रुझान प्याज की खेती पर हुआ है. प्याज की फसल के बाद कई कर्जदार किसान कर्ज मुक्त हो जायेंगे.

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अलवर की थोक मंडी में प्याज के  क्रेता और विक्रेता पप्पू भाई  ने बताया कि अभी प्रतिदिन अलवर शहर की मंडी में 40 से 45हजार कट्टे प्रतिदिन आ रहे हैं 13 सौ रुपए से लेकर 16 सौ रुपए तक प्रति मन प्याज के भाव हैं.

अच्छी क्वालिटी की प्याज अभी थोक में 45 रुपये तक बिक रही है. हालांकि मौसम खराब होने के कारण अलवर की प्याज कुछ खराब हुई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि प्याज में कुछ शिकायत है लेकिन इस बार सबसे बड़ी बात है कि प्याज में किसी भी तरह का कोई रोग नहीं है और यह प्याज 100 रुपए किलो बिकनी चाहिए क्योंकि सरकार ने 40 फीस दी एक्साइज ड्यूटी लगाई हुई है.

प्याज के भाव 2 हजार रुपए प्रति मन होने चाहिए जिससे किसानों को  2 वर्ष पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई हो सके. अलवर में यों तो  सभी राज्यों के व्यापारी आते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश हरियाणा उत्तराखंड पंजाब के लिए सबसे ज्यादा व्यापारी आ रहे हैं जितने यहां व्यापारी बाहर से आएंगे उतना ही किसानों के प्याज का बाजार भी अच्छा मिलेगा.

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प्याज के भाव से किस भी पूरी तरह खुश नजर आ रहे हैं किसानों का कहना है की बरसात से कुछ फसल बर्बाद हुई है लेकिन इस साल जो भाव मिल रहे हैं उसे 2 साल की भरपाई हो जाएगी प्याज में इस बार कोई रोग नहीं है भाव अच्छे मिलने से किसान पूरी तरह संतुष्ट हैं.

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