Rajasthan: विश्व पर्यावरण दिवस पर सैंकड़ों महिलाओं ने साईकिल चला कर पर्यावरण संरक्षण में किया योगदान 

साइक्लोथॉन के अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों को संदेश देते हुए मंडल की वित्तीय सलाहकार निधि मेहता ने कहा कि साइकिल फिट रहने का सबसे बेहतरीन एवं किफायती साधन है. वहीं साइकिल किफायती होने के साथ परिवार और समाज पर पेट्रोल डीजल एवं महंगी गाड़ियों के उपयोग से बढ़ रहे आर्थिक भार को कम करने में भी महत्वपूर्ण है. ऐसे में सामाजिक असमानताओं को कम करने में साइकिल की अहम भूमिका है.

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5 जून को आयोजित होने वाली विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के तत्वाधान में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों की क्ष्रेणी में विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर होटल क्लार्क आमेर से "विमेंस साइक्लोथॉन" का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया.

इस अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की संयुक्त सचिव विनीता सिंह एवं वित्तीय सलाहकार निधि मेहता ने हरी झंडी दिखा कर साइक्लोथॉन को रवाना किया. इस अवसर पर संयुक्त सचिव ने प्रतिभागी महिलाओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि महिलाएं न केवल हमारे समाज में बल्कि सम्पूर्ण देश अहम भूमिका अदा कर रही है.

ऐसे में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण की जब बात आती है तो निश्चित तौर पर महिलाएं अपनी सर्वोत्तम भूमिका अदा कर भावी पीढ़ी को स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध करवा सकती है. उन्होंने इस मौके पर अपील करते हुए कहा  कि कम दूरी के लिए परिवहन के साधनों के रूप में साइकिल के उपयोग को प्राथमिकता दी जाये साथ ही सार्वजानिक वाहनों के उपयोग का भी उपयोग किया जाये. ताकि सड़कों पर भीड़ काम हो सके और हम अपने वातारवण को स्वच्छ बनाने में सहयोग कर सकें.

साइकिल फिट रहने के साथ आर्थिक समानता में भी महत्वपूर्ण

साइक्लोथॉन के अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों को संदेश देते हुए मंडल की वित्तीय सलाहकार निधि मेहता ने कहा कि साइकिल फिट रहने का सबसे बेहतरीन एवं किफायती साधन है. वहीं साइकिल किफायती होने के साथ परिवार और समाज पर पेट्रोल डीजल एवं महंगी गाड़ियों के उपयोग से बढ़ रहे आर्थिक भार को कम करने में भी महत्वपूर्ण है. ऐसे में सामाजिक असमानताओं को कम करने में साइकिल की अहम भूमिका है.

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गीले कचरे से खाद बनाने के लिए प्रोत्साहन 

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा आयोजित की जा रही सात दिवसीय हितधारक कार्यशाला के तहत "गीले कचरे से खाद बनाने" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर खाद बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को जहाँ लाइव डेमो देकर समझाया गया वही आमजन की भागीदारी ने कार्यशाला को एक रोचक रूप दिया.

इस मौके पर मौजूद मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी वि एस परिहार ने कहा कि घरेलू कचरे का गीले कचरे एवं सूखे कचरे में पृथक्करण कर गीले कचरे से घर में ही खाद बनाकर तैयार करें ताकि रासायनिक खेती को ऑर्गेनिक खेती में परिवर्तित किया जा सके, साथ ही गीले कचरे की वजह हो रहे नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके.

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कार्यशाला के दौरान अधीक्षण वैज्ञानिक अधिकारी नेहा अग्रवाल ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण एवं लाइव डेमो  के माध्यम से कम्पोस्ट के विभिन्न तरीकों से अवगत करवाते हुए घर पर ही सरल तरीके से कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया से अवगत करवाया.  

इस दौरान मौजूद प्रतिभागियों ने उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया साथ ही इस प्रक्रिया में आ रही समस्याओं के समाधानों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं कम्पोस्ट बिन देकर सम्मानित किया गया साथ ही गीले कचरे से खाद बनाने एवं स्वयं के कचरे की जिम्मेदारी स्वयं लेने के लिए प्रतिज्ञा दिलवाई गई .

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राज्य के अस्पतालों में पर्यावरण जागरूकता पर दिखाई जा रही लघु फिल्म

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की  चेतना को आमजन तक पहुंचाने के लिए प्रदूषण मंडल द्वारा विशेष पहल करते हुए राज्य के लगभग सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में लघु फिल्म लगातार चालयी जा रही है . ताकि वहां आने वाले लोग पर्यावरण का महत्व से जागरूक हो सकें एवं पर्यावरण संरक्षण की और कदम बढ़ाते हुए स्वस्थ राजस्थान की संकल्पना को साकार करने की पहल कर सकें.

ऐसे में वीडियो के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का सन्देश आम आदमी तक पहुंचाने एवं जागरूक करने का मंडल का यह सार्थक प्रयास यदि कामयाब रहा तो वो दिन दूर नहीं जब राज्य को  स्वच्छ पर्यावरण राज्यों की क्ष्रेणी  में शामिल होगा और राज्य का प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण कर अपना दायित्व निर्वाह करेगा. उल्लेखनीय है कि यह लघु फिल्म 10 जून तक दिखाई जाएगी वही दिनांक 4 जून को बायो मेडिकल वेस्ट  प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा.