Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीते दिनों पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) का विरोध जताते वक्त तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य (Balmukund Acharya) पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में माणकचौक थाने में FIR दर्ज हुई थी. इस मामले पर अब हवा महल विधायक ने अलवर (Alwar) दौरे के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दी है.
'किसके पेट में दर्द हो रहा..वो सामने आए'
बालमुकुंद आचार्य ने कहा, 'जयपुर थाने में जो FIR दर्ज हुई है, उसकी जांच होगी. मैं उसका विरोध नहीं करूंगा. इस देश का संविधान हर शख्स को अपनी बात कहने और आपत्ति होने पर शिकायत दर्ज कराने का अधिकार देता है. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं, न कि संविधान की किताब लेकर घूमने वाले. धीरे-धीरे ये जानकारी सामने आने लगा है कि जहां पोस्टर लगाए गए और नारेबाजी हुई, मस्जिद वहां से बहुत दूर थी. हमने सिर्फ कब्जे वाले एक बरामदे के पायदान पर पोस्टर लगाए हैं. ये पोस्टर हमने मंदिर और गुरुद्वारे पर भी पोस्टर लगाए हैं. पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद की नारेबाजी से किसके पेट में दर्द हो रहा है? मैं चाहता हूं वो सामने आए और बताए कि उसे क्या तकलीफ है.'
बिना नाम लिए कांग्रेस विधायकों पर साधा निशाना
भाजपा विधायक ने कांग्रेस विधायक रफीक खान और अमीन कागजी का नाम लिए बिना कहा, 'ये दुर्भाग्य है कि दो विधायक ऐसे चुन लिए गए हैं जो तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं. भेदभाव करते हैं. धारा 144 होने के बाद भी भीड़ इकट्ठा करके माहौल बनाते हैं. उन्हें हिंदू-मुस्लिम छोड़कर देशहित में समाज को एक करने का काम करना चाहिए. आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, न कि आपस में किसी बात में उलझकर देश में माहौल खराब करना चाहिए.'
जयपुर में क्या विवाद हुआ था?
बीती शुक्रवार रात बड़ी चौपड़ के पास पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध रैली निकाली जा रही थी. अधिकारियों के अनुसार, तनाव तब शुरू हुआ जब हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कथित तौर पर जामा मस्जिद के बाहर और आसपास के इलाकों (बड़ी चौपड़ के पास फुटपाथ, रामगंज बाजार और सार्वजनिक शौचालयों) में पोस्टर चिपकाए. विवादित पोस्टरों में कथित तौर पर संदेश था, "कौन कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता?" पोस्टर में एक दाढ़ी वाला व्यक्ति भी दिखाया गया था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और सांप्रदायिक नारेबाजी करने लगे. इसके तनाव बढ़ गया.
विधायक-कमिश्नर मौके पर आए
पोस्टर चिपकाने के बाद विधायक वहां से चले गए, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे. लोगों ने आरोप लगाया कि यह जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बढ़ते तनाव को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया. पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रामेश्वर सिंह उन वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे, जो स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पहुंचे.
अगले दिन हुआ था लाठीचार्ज
जामा मस्जिद कमेटी ने विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ माणकचौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया. एफआईआर दर्ज होने की खबर के बाद, एकत्र हुई भीड़ धीरे-धीरे तितर-बितर हो गई. इस बीच, कांग्रेस विधायक रफीक खान और अमीन कागजी भी पुलिस कमिश्नरेट पहुंचे. मस्जिद से लोगों से घर लौटने की अपील की गई और उन्हें आश्वासन दिया गया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हालांकि, कई लोग अगले शाम फिर सड़कों पर जमा हो गए, जिन्हें पुलिस ने लाठीचार्ज करके खदेड़ दिया.
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