राजस्थान में 4 जून के बाद बदल जाएंगे सभी जिलों के IAS-IPS! सुधांश पंत ने तैयार कर लिया है केंद्र के तर्ज पर पूरा मसौदा

राजस्थान सरकार ने राजस्थान में नई तबादला नीति का मसौदा तैयार कर लिया है और माना जा रहा है कि 4 जून के बाद नई तबादला नीति राजस्थान में लागू हो जाएगी.

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Rajasthan News: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों का इंतजार राजस्थान में केवल सियासी पार्टियां ही नहीं बल्कि ब्यूरोक्रेसी महकमा भी शिद्दत से कर रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश में नए नियम लागू होने जा रहे हैं. इसके तहत राजस्थान में तबादला प्रणाली (Rajasthan Transfer System) में बड़ा बदलाव होनेवाला है. राजस्थान सरकार ने राजस्थान में नई तबादला नीति का मसौदा तैयार कर लिया है और माना जा रहा है कि 4 जून के बाद नई तबादला नीति राजस्थान में लागू हो जाएगी.

इस नई नीति के लागू होने से राजस्थान के सभी सरकारी विभागों में आमूलचूल परिवर्तन होने की संभावना है. लेकिन माना जा रहा है कि नई तबादला नीति के लागू होने के बाद उच्च स्तर पर आईएएस और आइपीएस अधिकारियों की तबादला सूचियां जारी होंगी. राजस्थान के लगभग सभी ज़िलों में कलेक्टर SP बदले जाने की संभावना है. 

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नई तबादला नीति राजस्थान विधानसभा सचिवालय राजभवन सहित संवैधानिक बोर्ड निगम आयोग और प्राधिकरण के कर्मियों पर लागू नहीं होगी. किसी सरकारी अधिकारी कर्मचारी का एक बार तबादला होने के बाद तीन साल तक तबादला नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार में लिप्त होने या राज्य सरकार की ओर से किसी तरह के अति आवश्यक कार्य में ड्यूटी लगने के चलते मुख्यमंत्री स्तर पर मिली मंज़ूरी के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा.

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केंद्र की तर्ज पर बनी राजस्थान में तबादला नीति

दरअसल केंद्र सरकार में बनी तबादला नीति की तर्ज़ पर CS सुधांश पंत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों के आधार पर नई तबादला नीति तैयार की है. राजस्थान में लंबे वक़्त से इस तबादला नीति की माँग की जा रही थी. फाइनली अब तबादला नीति में के सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है. नई तबादला नीति में सरकारी विभागों में तबादलों में राजनीतिक दख़ल को ख़त्म करने के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्मिकों की पोस्टिंग को लेकर आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा.

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इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता

नई तबादला नीति में सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों से तबादला करने से पहले उनके  आवेदन ऑनलाइन मंगवाए जाएंगे. सभी कर्मियों के लिए ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में दो साल तक सेवा देना अनिवार्य रहेगा. आवेदन में कर्मचारी रिक्त पदों पर अपनी इच्छा के अनुसार आवेदन कर सकेंगे इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की राजनीतिक डिजयार की आवश्यकता नहीं होगी. नई तबादला नीति में पदस्थापन के लिए महिला दिव्यांग भूतपूर्व सैनिक श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और असाध्य रोग से पीड़ित कर्मियों के अलावा शहीद आश्रित और डार्क ज़ोन में लंबे समय तक रहने वाले कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

नई तबादला नीति जारी होने के बाद राजस्थान में एक से 15 जनवरी तक सरकारी विभागों को रिक्त पदों की सूची सरकारी वेबसाइट पर जारी करनी होगी. इसी सूची के आधार पर सरकारी कर्मचारी एक से 28 फ़रवरी तक अपने ट्रांसफ़र के लिए आवेदन कर सकेंगे. ऑनलाइन मिले आवेदन के आधार पर एक से 30 मार्च के तक काउंसिलिंग का दौर चलेगा और फिर 30 अप्रैल तक तबादला सूची जारी की जाएगी.

पीएम मोदी ने दी थी बीजेपी नेताओं को हिदायत  

ग़ौरतलब है कि पिछले कई चुनावों में राजस्थान में तबादला नीति बड़ा चुनावी मुद्दा बना रहा है सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों ने समय समय पर राज्य सरकार से इसकी मांग की है. विधानसभा चुनावों के बाद जयपुर में PM मोदी ने भाजपा के नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ संवाद इस दौरान तबादलों में राजनीतिक दख़ल नहीं करने की बात कही थी. यही वजह है कि भजनलाल सरकार अब प्राथमिकता के आधार पर तबादला नीति लागू करने की कवायद कर रही है. इस तबादला नीति के बाद माना जा रहा है कि राजस्थान में गहरे तक जड़ें जमा चुके डिज़ायर कल्चर और राजनीतिक दखल को ख़त्म करने में मदद मिल पाएगी.

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