IAS राजेंद्र विजय अफसर बनने के बाद बन गए करोड़पति, शोरूम, इंडस्ट्रियल प्लॉट और मकान खरीदा

IAS Rajendra Vijay: आईएएस राजेंद्र विजय की अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ. सी-स्कीम में 4 करोड़ 83 लाख का व्यावसायिक शोरूम है. अपने बेटों की पढ़ाई पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च किए. कई दस्तावेज की जांच जारी है. 

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जयपुर में जूडियो और सी-स्कीम में शोरूम.

IAS Rajendra Vijay: आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी ने बुधवार (2 अक्तूबर) को आईएएस राजेंद्र विजय के घर पर छापा मारा. जयपुर, कोटा और दौसा में सर्च किया, जिसमें करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे. जांच में नया खुलासा हुआ है. अब तक की जांच में IAS राजेंद्र विजय के पास आय से 47% अधिक राशि का पता चला. सांगानेर में 70 लाख रुपए की जमीन मिली. IDBI बैंक खाते में 4.56 लाख, SBI बैंक खाते में 1.64 लाख रुपए और HDFC बैंक खाते में 20 हजार रुपए मिले. 

पत्नी साधना के नाम पर भी बनाई संपत्ति 

राजेंद्र विजय ने पत्नी साधना के नाम पर भी संपत्ति बनाई. सी-स्कीम में 4 करोड़ 83 लाख का व्यावसायिक शोरूम, जगतपुर में 20 लाख का प्लॉट, टोंक रोड पर 26 लाख का मकान और प्लॉट, फागी में 67 लाख रुपए का इंडस्ट्रियल जमीन , सिद्धार्थ नगर ने 34 लाख का आवासीय प्लॉट सहित कई जमीन के दस्तावेज मिले हैं.  पत्नी साधना के IDBI बैंक खाते में 12 लाख 44 हजार, SBI में 3 लाख 82 हजार, SBI में 3 लाख 17 हजार, HDFC बैंक के खाते में 54 हजार रुपए मिले. 

RAS अफसर बने तो राजेंद्र विजय के नाम नहीं थी संपत्ति

राजेंद्र विजय 1991 में RAS अफसर बने तो उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी. ACB के सूत्रों ने बताया कि जांच में कोई ऐसे दस्तावेज नहीं मिले, जो उनकी जॉइनिंग के समय उनके नाम कोई प्रॉपर्टी हो. इसी जह से एसीबी ने अपने रिकॉर्ड में अफसर बनने के समय संपत्ति  0 दिखाई है. 

मलाईदार पद पर रही पोस्टिंग 

  • 2003 से 2008 : जयपुर रूरल में जिला एक्साइज ऑफिसर, भरतपुर सिटी एडिशनल कलेक्टर, जेडीए में डिप्टी कमिश्नर.
  • 2009 से 2013 : राजस्थान फाइनेंस कॉर्पोरेशन में जनरल मैनेजर, जेडीए में डिप्टी कमिश्नर.
  • 2013 से 2018 : जेडीए में एडिशनल कमिश्नर, पर्यटन विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी.
  • 2018 से 2023 : बारां में जिला कलेक्टर, राजस्व विभाग में सेटलमेंट कमिश्नर.
  • 2023 से अब तक : बालोतरा कलेक्टर, सितंबर से कोटा संभागीय आयुक्त (छापों के बाद APO)

एसीबी को चार महीने पहले ही मिले थे इनपुट 

एसीबी की इंटेलीजेंस शाखा को 4 महीने पहले इनपुट मिला था. आईएएस राजेंद्र विजय ने सरकारी सेवा के दौरान भ्रष्टाचार करके करोड़ों रुपए कमाए हैं. शहर के पॉश एिरया में निवेश कर रहे हैं. डीआईजी कालूराम रावत ने वेरिफाई कराने के बाद केस दर्ज कर लिया. इसके जांच अधिकारी एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने कोर्ट वारंट लेकर टीम गठित की.  बाद बुधवार (2 अक्तूबर) को जयपुर, कोटा और दौसा के चार ठिकानों पर छापा मारा. 

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