NDTV की खबर का असर, 12 साल बाद बेड़ियों से आजाद होंगे दोनों भाई, गांव पहुंची अधिकारियों की टीम

NDTV Rajasthan News Impact: मानसिक रोगियों का इलाज कराने के बजाए परिजन उन्हें जंजीरों से बांधकर रखने को मजबूर थे. एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने इसपर विशेष रिपोर्ट की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया.

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NDTV Rajasthan Report Impact: NDTV की खबर का असर हुआ है. एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने दिखाया था कि सरदारशहर तहसील से 40 किलोमीटर दूर गांव लोडसर में दो सगे भाई पिछले 10-12 साल से जंजीरो में बंधे हुए हैं. मानसिक स्थिति सही नहीं होने के चलते दोनों भाइयों को मजबूरन परिवार के लोग जंजीरों में बांध कर रखते हैं. खबर दिखाए जाने के कुछ घंटे बाद ही प्रशासन हरकत में आया.

मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने चिकित्सा विभाग की टीम जिला नोडल अधिकारी डॉ सुभाष चौहान और BCMHO डॉ विकास सोनी के नेतृत्व में लोडसर गांव पहुंची. इस दौरान चिकित्सा विभाग की टीम ने दोनों भाइयों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की. चिकित्सा विभाग के अधिकारी को कहना है कि 24 घंटे के अंदर-अंदर इन दोनों भाइयों का रेस्क्यू कर इन्हें जयपुर शिफ्ट कर दिया जाएगा, जहां पर इनका इलाज अच्छे से हो सकेगा.

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ग्रामीणों ने भी एनडीटीवी राजस्थान की इस मुहिम की सराहना करते हुए NDTV को धन्यवाद दिया है. 

क्या है पूरा मामला

सरदारशहर उपखंड क्षेत्र के गांव लोडसर में दो सगे भाइयों को पिछले लगभग 12 वर्षों से लोहे की जंजीरो (सांकळ) से बांध रखा है. आपको बता दें कि ओमप्रकाश नायक (36) और उनका छोटा भाई हरिराम (32) मानसिक रोगी होने के कारण उनको घर में बांध रखा है. पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर बंधे हुए है. इसी गम में तुलाराम की मां गुजर गई और तुलाराम का सबसे छोटा भाई भी अपने दोनों भाइयों की यह दशा देख नहीं पाया और उसकी भी मौत हो गई. अब परिवार में तुलसाराम ही कमाने वाला बचा है, उसी के सहारे पूरे परिवार का गुर्जर बसर होता है तुलसीराम के पिता 75 वर्षीय नानूराम भी अपने दो बेटों की इस हालत को देखकर बीमार रहते हैं वह भी चारपाई से उठ नहीं पाते हैं.

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दोनों भाइयों की जंजीरें खुलने की बढ़ी उम्मीद

अब जल्द ही इन दोनों भाइयों की जंजीर खुलने की उम्मीद की जा रही है. वहीं एनडीटीवी पर खबर दिखाएं जाने के बाद प्रशासन आज मौके पर पहुंच गया. जिसके बाद अब ग्रामीणों ने और परिजनों ने राहत की सांस ली हैं. तुलसाराम ने बताया कि अब हमें उम्मीद है कि जल्दी मेरे भाइयों की बेड़ियां खुल जाएगी और मेरे दोनों भाइयों का इलाज अच्छे से हो सकेगा.

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वहीं मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता सुनील मीणा ने कहा कि एनडीटीवी राजस्थान पर खबर देखने के बाद मैं भी यहां मौके पर पहुंचा हूं और प्रशासन का हमारी ओर से भी हर संभव सहयोग किया जाएगा. प्रशासन ने भी हमें आश्वासन दिया है कि इनका एक दो दिन में रेस्क्यू कर जयपुर के मनोरोग अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाएगा. जहां इनका अच्छे से इलाज एक-दो दिन में शुरू हो जाएगा.

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