ACB Action In Rajasthan: अजमेर में ACB ने रिश्वत लेते कांस्टेबल को रंगे हाथों पकड़ा, घूस के पैसे नहीं मिले तो गिरवी रखवा ली सोने की अंगूठी 

ACB ने कार्रवाई करते हुए परिवादी द्वारा आरोपी ईमित्र संचालक को दो हजार रुपए देते ही उसे पकड़ लिया. कांस्टेबल अर्जुनराम मीणा पर आरोप है कि उसने पूरी रिश्वत राशि के लिए ईमित्र संचालक विक्रम शर्मा को दलाल बनाया था.

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Ajmer News: अजमेर जिले के भिनाय थाना क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कांस्टेबल और उसके साथी ईमित्र संचालक को दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. यह ट्रैप एसीबी अजमेर की टीम ने एडिशनल एसपी के नेतृत्व में किया गया. आरोप था कि भिनाय थाने में तैनात कांस्टेबल अर्जुनराम मीणा ने एक मामले में राजीनामा हो जाने के बाद प्रकरण को बंद करने की एवज में दस हजार रुपए की मांग की थी. 15 दिसंबर 2024 को उसने पहले तीन हजार रुपए ले लिए और बाकी के चार हजार रुपए के बदले परिवादी की सोने की अंगूठी ईमित्र संचालक विक्रम शर्मा के पास गिरवी रखवा दी.

ईमित्र संचालक को बना रखा था दलाल 

इस संबंध में 18 दिसंबर 2024 को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके सत्यापन में चार हजार रुपए रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई. आज एसीबी ने कार्रवाई करते हुए परिवादी द्वारा आरोपी ईमित्र संचालक को दो हजार रुपए देते ही उसे पकड़ लिया. कांस्टेबल अर्जुनराम मीणा पर आरोप है कि उसने पूरी रिश्वत राशि के लिए ईमित्र संचालक विक्रम शर्मा को माध्यम बनाया था, जिसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.

''रिश्वतखोरी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा''

इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. राजस्थान एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है. प्रशासन की सख्ती से स्पष्ट है कि रिश्वतखोरी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कोई रिश्वत मांगें तो, तुरंत दें सूचना 

एसीबी ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगी जाती है तो वे तुरंत इसकी सूचना दें ताकि कड़ी कार्रवाई की जा सके. इस अभियान का उद्देश्य सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और आम नागरिकों को न्याय मिल सके.

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