बांसवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलने से लोगों को बड़ी राहत मिली है. इस योजना के तहत मरीजों को सरकारी और निजी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज मिल रहा है. पांच माह में जिले में 28,574 मरीजों को इस योजना का लाभ मिला है. इन मरीजों का इलाज करने में 8,58,00,000 रुपए का खर्च आया, जिसका पूरा खर्च राज्य सरकार ने वहन किया.
इस योजना के तहत दुर्घटना बीमा का मिल रहा लाभ
इस योजना का लाभ पाने के लिए जिले में 4,13,943 परिवार पंजीकृत हैं. इनमें से 28,574 परिवारों ने लाभ लिया है. जिले में चिरंजीवी योजना के तहत दुर्घटना बीमा योजना का भी लाभ मिल रहा है. इस योजना के तहत सात प्रकार की दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपए और एक से ज्यादा मृत्यु होने पर अधिकतम 10 लाख रुपए की सहायता मिलती है.
योजना से जुड़ने के लिए क्या करना होगा?
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ने के लिए किसी भी सरकारी अस्पताल या ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है. योजना का लाभ लेने के लिए परिवार का कोई भी सदस्य 18 वर्ष से अधिक उम्र का होना चाहिए. योजना में पंजीयन होने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को इलाज के लिए कोई भी खर्च नहीं करना पड़ता है.
मृतक मजदूर की पत्नी ने किया आवेदन, मिला लाभ
सज्जनगढ़ के ग्राम पंचायत ईटाला के प्रभु लाल भुरिया की अहमदाबाद में काम के दौरान छत से नीचे गिरने पर मौत हो गई थी. इस पर मृतक की पत्नी कमला देवी को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से दी गई. कमला ने एक वित्तीय साक्षरता केंद्र के सहयोग से ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया था.
एक और लाभार्थी ने बताया योजना के बारे में
बागीदौरा निवासी जयंतीलाल पंचाल सेनावासा जा रहे थे. बाइक फिसलने से गिर गए. उनके हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया. पंचाल ने कहा कि वैसे वह छह माह तक अब काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन चिरंजीवी बीमा योजना में पंजीयन होने से उनका इलाज प्रताप सर्किल के पास स्थित एक निजी अस्पताल में पूर्णतः निशुल्क हुआ. जिससे राहत मिली.
गरीब जरूरतमंदों को मिली बड़ी राहत
उपरोक्त दो उदाहरण जनजाति जिले बांसवाड़ा में निवासरत हजारों गरीब लोगों की बानगी मात्र है, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही चिरंजीवी योजना का लाभ मिला है. यह योजना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को बड़ी राहत मिल रही है.