राजस्थान के जोधपुर में डॉक्टरों को करोड़ों रुपये के इस तकनीक से दिया जा रहा प्रशिक्षण, 1 करोड़ की डमी के जरिए ट्रेनिंग

आजकल के समय में डॉक्टर बनने के लिए सिमुलेशन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग का एक महतवपूर्ण हिस्सा बन गया है. सिमुलेशन सबसे पहले एविएशन इंडस्ट्री में अपनाया गया.

Advertisement
Read Time: 4 mins

Rajasthan News: आधुनिकता के इस दौर में भारत विश्व में तेज गति से अग्रसर हो रहा है वही बात करें चिकित्सा के क्षेत्र की तो भारत की बेहतर, आधुनिक और कम खर्चीली चिकित्सा सुविधाओं का अब विश्व भी लोहा मानता है. इसी बीच अब देश मे मेडिकल हब के रूप में ऊपर रहे जोधपुर में भावी डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक के साथ प्रदेश की सबसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विश्व स्तरीय लैब में हूबहू मरीज की भांति व्यवहार करने वाली डमी के जरिये प्रशिक्षित किया जा रहा है. 

करोड़ों की लागत से बना आधुनिक लैब

करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुई इस लैब में एक करोड़ से भी अधिक की डमी मरीज की तरह व्यवहार भी करती है. इस सिमुलेशन में अभ्यास करने से मेडिकल के विद्यार्थियों को वास्तविक मरीजों पर प्रयोग करने की बजाय इस डमी पर उन्हें प्रयोग करने में कहीं सहूलियत मिलती है जिससे रियल लाइफ में होने वाली गलतियों की संभावनाएं भी कम हो जाती है. आमतौर पर विकसित देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन और स्विटजरलैंड जैसे देशों में मेडिकल की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को इस डमी के जरिए प्रशिक्षित किया जाता है. जहां अब इस अत्याधुनिक विश्व स्तरीय तकनीक के जरिए जोधपुर में भी भावी डॉक्टर को तैयार किया जा रहा है. जिसमें क्रिटिकल कंडीशन में आने वाले मरीज को भी कम समय में किस प्रकार से बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ उन्हें बेहतर उपचार दिया जा सके. उसके लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है. प्रदेश में जयपुर के बाद जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज में अपने आप में यह अनोखी स्किल लैब बनाई गई है. जो सम्भाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल में स्थापित की गई है.

Advertisement

डॉक्टर बनने के लिए सिमुलेशन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग महत्वपूर्ण हिस्सा

दरअसल आजकल के समय में डॉक्टर बनने के लिए सिमुलेशन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग का एक महतवपूर्ण हिस्सा बन गया है. सिमुलेशन सबसे पहले एविएशन इंडस्ट्री में अपनाया गया. लेकिन आजकल एनेस्थीसिया एमरजैंसी मेडिसिन पीडियाट्रिक्स जैसी मेडिकल स्पेशियल्टी में सिमुलेशन बेस एजुकेशन की विधि अपनाई जारी है. यह एक ऐसी प्रशिक्षण पद्धति है जो की वास्तविक क्लीनिकल परिस्थितियों व क्रियाओं को मिमिक करते हैं. जिससे क्लिनिशियन चुनौती पूर्ण परिस्थितियों का समाधान करने में शीघ्रता एवं निपुणता से विशेषज्ञ प्राप्त कर सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण है कि सिमुलेशन में अभ्यास करने से स्टूडेंट को वास्तविक मरीजों पर प्रयोग नहीं करना पड़ता है. जिससे रियल लाइफ में होने वाली गलतियों की संभावना कम हो जाती हैं. सिमुलेशन एनवायरमेंट में यदि स्टूडेंट गलती भी करता है तो उन गलतियों से सीख कर उन्हें सुधारने का अवसर भी मिलता है.

Advertisement

सिमुलेशन बेस्ड स्टिचिंग स्टूडेंट को एक रियल लाइफ सिचुएशंस में जाता है जिससे वह बार-बार प्रेक्टिस करके निपुण बन जाते हैं. इसके पश्चात अगर पेशेंट में ऐसी ही समस्या हो तो उसका समाधान करने में उसकी क्रिटिकल थिंकिंग बन जाती है. एक रिसर्च में यह भी पाया गया है कि सिमुलेशन बेस टीचिंग एंड ट्रेनिंग के बाद रियल लाइफ में काम करने से डॉक्टर की सोचने की क्षमता प्रोबलम सॉल्विंग स्किल्स व टीम बेस्ड एक्टिविटी इंप्रूव हुई है. और पेशेंट में पॉजिटिव सुधार देखने को मिलता है पश्चिमी देशों में तो सिमुलेशन बेस्ट टीचिंग उनके टीचिंग करिकुलम का पाठ है इंडिया में भी सिमुलेशन बेस्ड  स्टिचिंग को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने कंपिटेंसी बेस्ड एजुकेशन के तहत इंपॉर्टेंट माना है.

Advertisement

डमी बॉडी से प्रशिक्षण

एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक ड़ॉ. नवीन पालीवाल ने बताया कि रियल वर्ल्ड को कैसे एक प्रोटेक्टिव एनवायरमेंट में कर देख सके. वह इस सिमुलेशन में बेहतर तरीके से दर्शाया गया है और मरीज की भांति सिमुलेशन लब में डमी पर केस स्टडी के साथ ही डॉक्टर को प्रशिक्षित किया जाता है. इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में मरीज को किस प्रकार से डॉक्टरों द्वारा फर्स्ट रिस्पांस दिया जाता है. इसके लिए भी उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है क्योंकि मरीज के लिए वह समय गोल्डन टाइम होता है. इसके साथ ही कही डिजीज के मरीजों को भी उपचार देने के लिए यहां मेडिकल के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता है और अभी एक एक्सीडेंटल केस के मरीज की तरह डॉक्टर को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जिसमें मरीज की भांति डमी को हेड इंजरी के रूप में फर्स्ट रिस्पांस के आधार पर ट्रीटमेंट देने का प्रशिक्षण दे रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Organ Transplant Fake NOC मामले में जांच कमेटी का खुलासा, सामने आईं यह 10 महत्वपूर्ण बातें

Topics mentioned in this article