राजस्थान का सबसे बडा टाइगर रिजर्व रणथंभौर बाघों के लिए मशहूर है. रणथंभौर में पर्यटक देश विदेश से वन्य जीव प्रेमी बाघों को उनके प्राकृतिक वातावरण में देखने आते हैं. लेकिन कई बार उन्हें बाघों की अठखेलियों के साथ हैरतंगेज़ और रोमांचित करने वाले नजारे भी देखने का मौका मिलता है. ऐसा ही एक अलग तरह का नजारा मंगलवार, 7 अक्टूबर की सुबह रणथंभौर के जोन नम्बर 3 में देखने को मिला जिसे देखकर पर्यटक दंग रह गए.
रिद्धि के तीनों शावक हो गए हैं बड़े
रणथंभौर में बाघों का दीदार करने गए पर्यटकों ने यहां की प्रसिद्ध बाघिन रिद्धि (टी-124) और उसकी बेटी मीरा के बीच जबरदस्त संघर्ष को देखा जिसने पार्क भ्रमण पर गये पर्यटकों को रोमांच से भर दिया. दरअसल बाघिन रिद्धि के तीन शावक अब बड़े हो रहे हैं. ऐसे में वे अपनी मां की टेरिटरी से अलग होकर अपनी खुद की टेरिटरी बनाना चाह रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक जब कोई शावक अपनी मां से अलग होकर अपनी टेरिटरी बनाने की कोशिश करता है तो अधिकतर बार सबसे पहले उसका संघर्ष अपनी मां से शुरू होता है.
इसी वजह से बाघिन मीरा ने टेरिटरी को लेकर सबसे पहले अपनी मां रिद्धि को ही चुनौती दे डाली. इसे लेकर दोनों मां-बेटी के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई . आपसी संघर्ष में दोनों ही मां-बेटी घायल हो गईं, लेकिन मां रिद्धि से ज्यादा चोट बेटी मीरा को आई. कई पर्यटकों ने इस संघर्ष को देखा और इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया. इस वीडियो में दोनों मां-बेटी बाघिनों की को जंगल के एक रास्ते पर एक-दूसरे पर झपटते देखा जा रहा है.
पहले भी हुए हैं ऐसे संघर्ष
रणथंभौर मे इससे पहले भी कई बार टेरेटरी को लेकर मां-बेटी बाघिनों के बीच ऐसी लड़ाई की घटनाएँ हुई हैं. इससे पूर्व रणथंभौर में बाघिन मछली, कृष्णा, एरोहेड के बीच भी इसी तरह के संघर्ष को देखा गया है.
रणथंभौर के इस रोमांचकारी भयावह दृश्य ने वन्यजीवन की असली चुनौतियों को सामने ला दिया है, जहां खून के रिश्ते भी टेरिटरी के सामने बौने पड़ जाते हैं. कहते हैं कि जंगल के कानून के मुताबिक जिसमें ताकत है वही जंगल मे राज कर सकता है. कमजोर को अपना इलाका छोड़ना पड़ता है और ताकतवर कब्जा कर लेता है. अब देखना यह होगा कि इन मां-बेटी में से कौन इस इलाके पर अपना कब्जा करने में कामयाब हो पाती है.
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