Jaipur News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक नीतिगत दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत के ज्ञान-विवेक, सांस्कृतिक चेतना और आत्मनिर्भरता के संकल्प का घोष है. यह नीति हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त करती है. यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर में हुई आयोजित व्याख्यान में न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कही. उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षा का उद्देश्य केवल जीविकोपार्जन नहीं था, बल्कि मनुष्य को ‘पूर्ण मानव' बनाने का माध्यम था.
नितिन कासलीवाल बने क्षेत्र सह संयोजक
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की वार्षिक प्रांत संयोजक बैठक 24-25 मई 2025 को शासकीय श्रमोदय आवासीय विद्यालय, जबलपुर में संपन्न हुई. देशभर के 40 प्रांतों से 170 से अधिक संयोजकों, सह-संयोजकों और पदाधिकारियों ने सहभागिता की. बैठक में डॉ. अतुल कोठारी सहित देश के कई कुलपति, निदेशक और शिक्षण संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहे. जयपुर प्रांत संयोजक नितिन कासलीवाल को राजस्थान का क्षेत्र सह संयोजक नियुक्त किया गया.
न्यास ज्ञान महाकुंभ आयोजित करने का आमंत्रण मिला
23 मई को आयोजित राष्ट्रीय संचालन समिति की बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक नाम : भारत' अभियान की प्रगति, प्रभाव और आगामी योजनाओं पर चर्चा की गई. डॉ. कोठारी ने इसे सांस्कृतिक आत्मबोध और औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति का संकल्प बताया. इस अभियान के अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है. प्रयागराज में आयोजित ज्ञान महाकुंभ की समीक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि उसकी सफलता के बाद न्यास को 2027 और 2028 के कुंभ में भी ज्ञान महाकुंभ आयोजित करने का आमंत्रण मिला है.
केरल में होगी नयास की बैठक
न्यास की अगली चिंतन बैठक 25-27 जुलाई 2025 को केरल के कालडी में आयोजित होगी, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत शामिल होंगे. 28 जुलाई को “ज्ञान सभा : विकसित भारत हेतु शिक्षा” आयोजन होगा, जिसमें शिक्षाविद, संस्थानों के प्रमुख, कुलपति और अन्य विशेषज्ञ भाग लेंगे. 2 से 17 जुलाई तक न्यास के स्थापना दिवस अभियान में प्रयागराज में पारित संकल्प पत्रों को समाज तक ले जाया जाएगा.