कानून के जानकारों के मुताबिक भारतीय सिक्का अधिनियम, 1906 और 2011 के तहत, ₹10 का सिक्का एक वैध मुद्रा है. इसे लेना या लेन-देन में इस्तेमाल करना कानून अनिवार्य है. भारतीय रिजर्व बैंक ने भी साफ कर दिया है कि ₹10 के सभी डिजाइनों के सिक्के पूरी तरह वैध हैं और इन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार किया जाना चाहिए.
कुचामन सिटी के अपर लोक अभियोजक मनीष शर्मा ने बताया कि भारतीय मुद्रा चाहे सिक्का हो या नोट, उसे पिघलाना, तोड़ना, गला देना या किसी और धातु में मिलाना, भारतीय कानून के तहत बड़ा अपराध है. भारतीय सिक्का अधिनियम की धारा 13 में इसके लिए सात साल की सजा का प्रावधान है.
ऐसा करते पाए जाने पर होगी कड़ा सजा
भारतीय मुद्रा के अपमान से जुड़ा मामला सामने आने के बाद शहर के स्वर्णकार समाज ने भी आपत्ति जताई है. समाज के अध्यक्ष नवल सोनी ने भी इस पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा के साथ कोई भी छेड़छाड़ न करें. अगर हमारे समाज का कोई सदस्य इस तरह की गतिविधि में शामिल पाया गया तो समाज उसके समर्थन में नहीं आएगा. प्रशासन को ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं कुचामन थाना अधिकारी सतपाल चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय मुद्रा के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करना कानून के खिलाफ है. 2011 के भारतीय अधिनियम के तहत यह राजद्रोह के बराबर माना जाता है. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो की जांच कराई जाएगी और अगर कोई इस तरह का काम करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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