Bullet train trial track: भारत में पहली बार बुलेट ट्रेन की रफ्तार अब राजस्थान की सरज़मीं पर परखी जाएगी. सांभर झील के पास देश का पहला हाई-स्पीड ट्रायल ट्रैक, बन रहा है, जहां 230 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन दौड़ेगी यानी मुंबई-अहमदाबाद प्रोजेक्ट की टेस्टिंग अब राजस्थान के नावां में होगी. और यहीं से तय होगा भारत की बुलेट ट्रेन का फ्यूचर. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस साल आख़िर में राजस्थान की धरती देश में बुलेट ट्रेन की शुरुआत का केंद्रबिंदु बनने जा रही है.
देश की पहली बुलेट ट्रेन अब राजस्थान की धरती पर अपनी रफ्तार का परीक्षण करेगी. सांभर झील के पास डीडवाना-कुचामन के नावां कस्बे से करीब 1 किलोमीटर दूर हाई-स्पीड ट्रायल ट्रैक तैयार हो गया है. इस ट्रैक का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) की देखरेख में किया जा रहा है. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है, जिसमें से 300 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो चुका है और अब ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है.
50 साल तक मिट्टी में दबा था ट्रैक
यह ट्रैक उसी पुराने रेलवे मार्ग पर तैयार किया गया है, जिसे अंग्रेजों ने जयपुर-जोधपुर के लिए बिछाया था. यह लाइन पिछले 50 साल से मिट्टी में दब चुकी थी, जिसे रेलवे ने सैटेलाइट सर्वे की मदद से खोजा और उस पर नया नेटवर्क तैयार किया. गुढ़ा से मीठड़ी (ठठाना) तक बन रहे इस टेस्ट ट्रैक की कुल लंबाई करीब 64 किलोमीटर है.
यह ट्रैक विशेष रूप से हाई-स्पीड रोलिंग स्टॉक की सुरक्षा, गति और स्थिरता का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें 230 किमी/घंटा तक की रफ्तार से ट्रायल संभव होगा. ट्रैक में पुल, अंडरब्रिज और ओवरब्रिज जैसे कई आधुनिक स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जिनसे गुजरते हुए ट्रेन की प्रदर्शन क्षमता का मूल्यांकन होगा.
इस परियोजना के पूरा होते ही भारत भी उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो हाई-स्पीड रेल तकनीक का स्वतंत्र परीक्षण करने में सक्षम हैं. यह ट्रैक न केवल बुलेट ट्रेन की टेस्टिंग के लिए, बल्कि भविष्य की तकनीकी जरूरतों को भी पूरा करेगा.
दूसरे चरण राजस्थान से हो कर गुज़रेगी बुलेट ट्रेन
अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में दिल्ली तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. प्रस्तावित 878 किलोमीटर लंबे इस हाई-स्पीड कॉरिडोर में राजस्थान की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है. लगभग 657 किलोमीटर लंबा हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरेगा, जिससे अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर जिले इसमें शामिल होंगे. इस कॉरिडोर के लिए 11 स्टेशनों का प्रस्ताव है, जिनमें से 7 स्टेशन राजस्थान में बनाए जाएंगे, जिनमें जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, डूंगरपुर (खैरवाड़ा) और अलवर (बहरोड़) शामिल है.
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