पश्चिमी राजस्थान में अगले 60 दिन नहरबंदी, किसानों को 27 मई तक नहीं मिलेगा सिंचाई का पानी

Indira Gandhi Canal Closure: पश्चिमी राजस्थान में नहरबंदी 26 मार्च से शुरू हो गई है जो 27 मई तक लगातार जारी रहेगी. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर पड़ता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
हर साल अप्रैल में नहरबंदी कर मरम्मत और सफाई का काम किया जाता है.

Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान के लिए जीवनदायनी कहे जाने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना की आज से 60 दिन की नहरबंदी हो गई है. 26 मार्च से शुरू हुई यह नहरबंदी 27 मई तक लगातार जारी रहेगी, जिससे नहरी किसानों को इस बार सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा. यह नहरबंदी दो फेज में होनी है. पहले फेज में 30 दिनों तक पेयजल का पानी मिलेगा. वहीं दूसरे फेज में पूर्ण नहरबंदी होगी.

6 जिलों में जल संकट गहराने की संभावना

जानकारी के अनुसार, पहले फेज के लिए 2 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जबकि 27 अप्रैल से 27 मई तक नहर में पूरी तरह से पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में पेयजल और सिंचाई की आपूर्ति होती है. नहरबंदी के चलते इन जिलों में जल संकट गहराने की संभावना है. जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए जल भंडारण भी कर लिया है.

Advertisement

जलदाय विभाग ने पहले से स्टोर किया पानी

इंदिरा गांधी नहर परियोजना के रिजाइनिंग कार्य के लिए यह नहरबंदी की जा रही है. पंजाब में पूरे 60 दिन का क्लोजर रहेगा, जिसमें नहर की मरम्मत और सफाई का कार्य किया जाएगा. हर साल अप्रैल में नहरबंदी कर इस कार्य को पूरा किया जाता है. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत आम बात होती है, लेकिन 60 दिनों की नहरबंदी से यह समस्या और गंभीर हो सकती है. पेयजल संकट को कम करने के लिए जलदाय विभाग पहले से ही पानी का भंडारण कर लिया है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नहरबंदी के दौरान लोगों को पीने के पानी की दिक्कत न हो. आंशिक क्लोजर के दौरान भी 2 हजार क्यूसेक पानी फीडर से लिया जाएगा, जिससे पेयजल की कमी को कुछ हद तक कम किया जा सके.

Advertisement

आवश्यक मरम्मत और सफाई के लिए नहरबंदी

इस नहरबंदी का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर पड़ता है. चूंकि यह नहर राजस्थान के कई जिलों में पेयजल और सिंचाई की मुख्य स्रोत है, ऐसे में पानी की कमी से खेती और पशुपालन पर भी असर पड़ेगा. हालांकि, सरकार और प्रशासन जल भंडारण और वैकल्पिक जल आपूर्ति के माध्यम से इस स्थिति से निपटने का प्रयास कर रहे हैं. इंदिरा गांधी नहर की यह नहरबंदी हर साल की तरह आवश्यक मरम्मत और सफाई के लिए की जा रही है.

Advertisement

हर साल अप्रैल में नहरबंदी कर होती है सफाई

दरअसल, साल 2018 में 3,291 करोड़ का प्रोजेक्ट इंदिरा गांधी नहर परियोजना की रिजाइनिंग और अन्य कार्यों के लिए स्वीकृत किया गया था. इसके तहत इंदिरा गांधी मुख्य नहर और इसकी वितरिकाओं की रिजाइनिंग की जानी थी. 2018 में ही जल संसाधन विभाग ने लोहगढ़ हैड (496 RD) से इस कार्य की शुरुआत कर दी थी. इसके बाद हर साल अप्रैल में नहरबंदी कर मरम्मत और सफाई का काम किया जाता है.

ये भी पढ़ें:- कोटा में छात्र के सुसाइड के बाद हॉस्टल छोड़कर भाग गए स्टूडेंट्स, वीरान हुआ छात्रावास

ये VIDEO भी देखें