Income Tax Raid: जयपुर-अजमेर समेत राजस्थान में 11 ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, फर्जी तरीके से टैक्स छूट लेने पर हुई कार्रवाई

Income Tax Raid: आयकर विभाग के सेंट्रलाइज्ड डेटा एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए पता चला कि बड़ी संख्या में रिटर्न में गलत जानकारी दी गई थी. इनमें से अधिकांश मामलों में फेक डोनेशन और छूट की अन्य धाराओं का दुरुपयोग किया गया.

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Income Tax Raid: इनकम टैक्स रिटर्न में फर्जी दावे कर टैक्स छूट लेने वालों के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. आईटी विभाग की अलग-अलग टीमों ने सोमवार को देशभर में एक साथ 150 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है. राजस्थान के जयपुर, कोटा, अजमेर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ सहित 5 शहरों में भी इनकम टैक्स की 11 ठिकानों पर छापेमारी हुई है. जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई उन मध्यस्थों और टैक्स प्रेपरेशन एजेंट्स पर हुई है, जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दौरान सरकारी कर्मचारियों, MNC, PSU, निजी कंपनियों और शिक्षकों को टैक्स छूट दिलाने के नाम पर फर्जी दावे कर रहे थे.

डोनेशन दिखाकर ली टैक्स छूट

यह भी सामने आया कि राजनीतिक पार्टियों को डोनेशन दिखाकर आयकर अधिनियम की धारा 80GGC के तहत टैक्स छूट ली गई थी, जो असल में कभी किया ही नहीं गया. आयकर विभाग के अनुसार, विभाग के सेंट्रलाइज्ड डेटा एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए पता चला कि बड़ी संख्या में रिटर्न में गलत जानकारी दी गई थी. इनमें से अधिकांश मामलों में फेक डोनेशन और छूट की अन्य धाराओं का दुरुपयोग किया गया.

डिजिटल डिवाइस की जांच में खुलेंगे राज

टैक्स छूट के लिए बनाए गए यह बोगस क्लेम किसी संगठित नेटवर्क के ज़रिए फाइल किए जा रहे थे. राजस्थान में जिन जगहों पर छापेमारी की गई, वहां से कई संदिग्ध दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइसेज़ जब्त किए गए हैं. इनकी फोरेंसिक जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. विभाग ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही कुछ और नाम उजागर हो सकते हैं जो इस पूरे फर्जीवाड़े का हिस्सा रहे हैं.

यह रेड सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं रही. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश कई राज्यों में एक साथ कार्रवाई हुई. आयकर अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में और भी जगहों पर छापेमारी की जा सकती है. 

पूरे नेटवर्क की जांच में जुटा विभाग

बड़ी बात है कि कई करदाताओं ने राजनीतिक दलों को चंदा दिखाकर धारा 80GGC के तहत टैक्स छूट का दावा किया था. यह धारा केवल डिजिटल ट्रांसफर के ज़रिए किए गए वास्तविक चंदे पर ही लागू होती है. मगर छापों में ऐसे मामलों की भरमार मिली है, जहां या तो चंदा हुआ ही नहीं या फिर कैश में लिया गया और उसे रिटर्न में फर्जी तरीके से दिखाया गया.

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फिलहाल आयकर विभाग पूरे नेटवर्क की जांच में जुटा है, जिन टैक्स सलाहकारों और मध्यस्थों के यहां छापे पड़े हैं, उनसे पूछताछ चल रही है. विभाग का मानना है कि यह एक संगठित टैक्स फर्जीवाड़ा है जो आने वाले समय में बड़े स्तर पर बेनकाब होगा.

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