J&K Doda Encounter: जयपुर एयरपोर्ट पर 17 जुलाई को डोडा में शहीद दोनों जवानों का पार्थिव शरीर पहुंचा. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी एयरपोर्ट पहुंचे थे. आतंकी हमलों पर दोनों ने चिंता जताते हुए कहा, "सरकार ने कहा था कि एक के बदले दस सर लायेंगे. लेकिन, हकीकत कुछ और है. हमले बढ़े हैं. केंद्र को ठोस कदम उठाने चाहिए."
"हमारी सेना आतंकियों को माकूल जवाब देने में सक्षम"
मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और अविनाश गहलोत भी जयपुर एयरपोर्ट श्रद्धांजलि देने पहुंचे. अविनाश गहलोत ने कहा, "सेना और सरकार ईंट का जवाब पत्थर से देगी. हमारी सेना आतंकियों को माकूल जवाब देने में सक्षम है. सेना में आक्रोश है और सेना जरूर जवाब देगी."
गजेंद्र सिंह खींवसर बोले- अपोजिशन कितनी तुच्छ राजनीति करता है
सचिन पायलट के बयान पर गजेंद्र सिंह खींवसर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति का मोहरा नहीं बनाना चाहिए. यह गंदी राजनीति है. ऐसा बयान बताता है कि अपोजिशन कितनी तुच्छ राजनीति करता है. सेना हमारे देश की रक्षा करती है. कोई भी सरकार हो, सेना अपना काम करती है. उस पूरे इलाके में भौगौलिक परिस्थितियां ऐसी है कि आतंकी ऊंचाई पर हैं और वे वहां से सेना पर हमला करते हैं. लेकिन, सेना का ऑपरेशन जारी है.
सचिन पायलट बोले-सरकार को निःसंकोच होकर कदम उठाना चाहिए
16 जुलाई को सचिन पायलट ने विधानसभा के बाहर कहा था कि पिछले कुछ हफ्तों में आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है. हमारे जवान शहीद हो रहे हैं. यह दुखद है. सरकार को निःसंकोच होकर कदम उठाना चाहिए. लेकिन, जो दावा किया जा रहा था कि वादियों में सब कुछ संतोषजनक है और नियंत्रण में है, वह गलत साबित हो रहा है. हमारे सेना के जवान लगातार आतंकी हमलों शिकार हो रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी. ताकि ऐसी गतिविधियां दुबारा न हो.
शहीद भैसावता कलां के अजय सिंह के बारे में
- 26 साल के थे शहीद अजय सिंह.
- झुंझुनूं के सिंघाना के समीप भैसावता कलां गांव के थे रहने वाले.
- फिलहाल अजय सिंह का परिवार रहता है पिलानी कस्बे में.
- 2018 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे अजय सिंह.
- शहीद के पिता कमल सिंह 24 राजपूत रेजीमेंट में थे सेवारत.
- 2015 में ही सेना से रिटायर हुए है पिता कमल सिंह.
- अजय सिंह के चाचा कायम सिंह भी सेना में ही.
- 2022 में अजय सिंह के चाचा को मिला है सेना मेडल.
- 21 नवंबर 2021 में अगवाना गांव की शालू कंवर के साथ हुई थी अजय सिंह की शादी.
- अजय सिंह के छोटे भाई करणवीर सिंह बठिंडा पंजाब एम्स में चिकित्सक.
- अजय सिंह के दादा सुजानसिंह और मामा चांदगोठी निवासी तेजपालसिंह भी दे चुके है शहादत.
- अजय सिंह की ट्रेनिंग फतेहगढ़ यूपी 6 राजपूत बटालियन में हुई थी.
- अजय सिंह की पहली पोस्टिंग सिक्किम में थी.
- इसके बाद मेरठ कैंट 6 राजपूत बटालियन में आई पोस्टिंग.
- मेरठ के बाद 10 राष्ट्रीय राइफल्स राजपूत डोडा जम्मू कश्मीर में थे तैनात.
- सोमवार देर शाम अंतिम बार परिवार से बातचीत हुई थी अजय सिंह की.
- अजय सिंह आने वाले 18 जुलाई को छुट्टी लेकर परिवार के पास.
- सबसे पहले शहादत की सूचना पत्नी शालू कंवर को फोन पर दी गई.
- सूचना के वक्त शालू कंवर गई हुई थी अपने पीहर.
- 18 जुलाई को अजय सिंह के आने की खबर के बाद पिलानी आने की कर रही थी तैयारी.
क्या हुआ था जम्मू के डोडा में
- डोडा जिले में डेसा जंगल में चल रहा था सर्च ऑपरेशन.
- जंगल के धारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त सर्च ऑपरेशन.
- इसी दौरान सोमवार को शाम को आतंकवादी फायरिंग करते हुए भागे.
- भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया.
- घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षा बलों को चकमा देते रहे.
- सोमवार रात करीब 9 बजे फिर गोलीबारी हुई.
- इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
- इन्होंने इलाज के दौरान शहादत को प्राप्त की.
- जम्मू डिवीजन के डोडा में पिछले 34 दिनों में इस तरह का यह पांचवां हमला है.
- इससे पहले 10 जुलाई की शाम को भी हमला हुआ था.
- 26 जून को 1 और 12 जून को भी 2 हमले भी हुए थे.
- हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है.
- संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं.
- इस हमले में कैप्टन समेत चार जवान शहीद हुए है.
- हमले में पुलिस के एक जवान समेत पांच घायल हुए है.
- आतंकवादी अब कश्मीर छोड़ जम्मू इलाके में दहशत फैला रहे है.
- जम्मू में 86 दिनों में 10 आतंकी हमले हो चुके है.
- पिछले 20 साल से शांत था जम्मू, इसलिए फोर्स कम है, इसी का फायदा उठा रहे आतंकी.
- कठुआ, पुंछ, राजौरी, डोडा आदि इलाकों में मैदान कम, जंगल ज्यादा.
- डोडा में जहां आतंकी हमला हुआ, उसके 200 वर्ग किलोमीटर तक जंगल.
- आतंकियों से पहली मुठभेड़ सोमवार शाम साढ़े सात बजे हुई.
- इनपुट था कि तीन आतंकवादी जंगल में छुपे हुए है.