Patient died in ambulance due to lack of oxygen: जयपुर में एडवांस हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई. हालत गंभीर होने के चलते जब रेफर किया गया तो एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था ही नहीं थी. इसी दौरान 58 वर्षीय शिमला देवी ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने हॉस्पिटल की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए मामला भी दर्ज करवाया है. मृतक शिमला देवी के दामाद मोहन लाल कुमावत ने बताया कि शिमला देवी को पिछले चार दिनों से बुखार था. इसके बाद बुधवार (20 अगस्त) को मुहाना मोड़ स्थित एडवांस हॉस्पिटल में ले जाया गया. जांच के दौरान स्क्रब टायफस बीमारी की बात सामने आई तो मरीज को भर्ती कर लिया गया.
भर्ती के 2 घंटे के भीतर ही करना पड़ा रेफर
जब काफी समय तक भर्ती रहने के बाद भी कोई सुधार नहीं दिखा तो अस्पताल प्रशासन से मरीज के परिजनों ने सवाल किया. भर्ती करन के 2 घंटे के भीतर ही महिला को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया. इसके लिए एम्बुलेंस ढाई हजार रुपए में तय की गई, लेकिन तभी बीच रास्ते में महिला की तबीयत बिगड़ने लगी. शिकायतकर्ता के मुताबिक, जब हमने एंबुलेंस ड्राइवर से ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के लिए कहा तो पता चला कि एंबुलेंस में मौजूद सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं थी.
ड्राइवर भागा, परिजन ले गए हॉस्पिटल
इसके बाद अस्पताल से दूसरा सिलेंडर लेकर ऑक्सीजन लगाई गई, लेकिन तब तक शिमला देवी की हालत बहुत खराब हो चुकी थी. मौका देखकर एंबुलेंस चालक मौके से फरार हो गया. इस दौरान परिजन आसपास के अस्पताल में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
इंचार्ज बोले- हॉस्पिटल का एंबुलेंस के संचालन से संबंध नहीं
अस्पताल के इंचार्ज डॉ जीडी गुप्ता ने बताया, "महिला काफी दिनों से बीमार थी. परिजन उसका क्लीनिक में इलाज करवा रहे थे. जब परिजन उसे भर्ती कराने लाए, उससे एक रात पहले से ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उनकी गंभीर हाल को देखते हुए हमने उन्हें एसएमएस अस्पताल रेफर किया."
डॉ. गुप्ता ने कहा कि हॉस्पिटल की ओर से एक सिलेंडर भी एंबुलेंस में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दिया था. एंबुलेंस का संचालन प्राइवेट रूप से होता है. एंबुलेंस अस्पताल की तरफ से संबद्ध नहीं थी. वहीं, मामले में परिजनों की शिकायत के अनुसार मामला दर्ज कर लिया गया है. मुहाना थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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