2 नए एंट्रीगेट, 24 चेक-इन काउंटर... जयपुर एयरपोर्ट की 600 करोड़ के प्रोजेक्ट से बदलेगी तस्वीर

टर्मिनल-2 की दूसरी मंजिल पर दो अतिरिक्त नए एयरोब्रिज स्थापित किये जायेंगे, जिसके बाद एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज को संख्या 4 हो जाएगी.

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Rajasthan News: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के तहत नई परियोजनाओं  की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य यात्रियों की सुविधा को बढ़ाना और यात्रियों की बढ़ती संख्या को समायोजित करना है. एयरपोर्ट के विभिन्न पहलुओं को बदलने और यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक की कुल 14 परियोजनाओं का एक साथ उद्घाटन किया गया. चरणबद्ध तरीके से होने वाले विकास में टर्मिनल 2 (T2) का विस्तार और मौजूदा टर्मिनलों पर नए बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा. इस विस्तार से 2027 में अनुमानित 8 मिलियन वार्षिक यात्रीभार को संभालने में मदद मिलेगी.

24 नए काउंटर जोड़ने की योजना

जयपुर एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, "इन परियोजनाओं का सामूहिक उद्देश्य जयपुर एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना है, यह सुनिश्चित करना है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करे और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करे. इन परियोजनाओं का एक साथ उद्घाटन रणनीतिक योजना और तेजी से विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है."

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टर्मिनल 2 का विस्तार एयरपोर्ट के विकास की योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है. 15,000 वर्ग मीटर का विस्तार मौजूदा टर्मिनल की समग्र क्षमता को बढ़ाएगा. वर्तमान में टर्मिनल 2 में 39 चेक-इन काउंटर है. विस्तार के दौरान 24 नए काउंटर जोड़े जाने की योजना है. इससे टर्मिनल 2 पर चेक-इन काउंटरों की कुल संख्या 63 हो जाएगी, जिससे यात्रियों के  समय में काफी कमी आएगी.

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बोर्डिंग गेट की भी संख्या बढ़ेगी

15,000 वर्ग मीटर विस्तार में आठ अतिरिक्त सेल्फ-बैगेज ड्रॉप (एसबीडी) काउंटर भी स्थापित किये जायेंगे. ऐसे काउंटर को स्थापना जयपुर एयरपोर्ट पर पहली बार होगी. इसके साथ ही 9 नई एक्स-रे बैगेज इंस्पेक्शन सिस्टम (एक्सबीआईएस) मशीनों के जुड़ने से सुरक्षा जांच प्रक्रिया भी बेहतर होगी, जिससे यह संख्या दोगुनी होकर 18 हो जाएगी. ऑटोमेटिव ट्रे रिट्रीवल सिस्टम इस विस्तार की एक और अनूठी विशेषता होगी. बोर्डिंग गेट भी छह से बढ़कर दस हो जाएंगे.

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इसी तरह, दो नए एंट्री गेट जोड़े जाएंगे, जिससे कुल संख्या छह हो जाएगी. टर्मिनल-2 की दूसरी मंजिल पर दो अतिरिक्त नए एयरोब्रिज स्थापित किये जायेंगे, जिसके बाद एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज को संख्या 4 हो जाएगी. इससे यात्रियों को आसानी से चढ़ने और उतरने में सुविधा होगी और इससे विमानों का टर्न अराउंड समय भी कम हो जाएगा. 

इसके अतिरिक्त पोर्च क्षेत्र में 6,000 वर्ग मीटर का नया फोरकोर्ट एरिया विकसित होगा. फोरकोर्ट का निर्माण हवाई अड्डे पर आने या जाने वाले यात्रियों और आम लोगों को सुविधा के लिए किया गया है.

टर्मिनल 1 पर बनेगा एप्रन

इस क्षेत्र में 11 से अधिक खुदरा और एफ एंड बी काउंटर और अन्य सार्वजनिक उपयोगिता स्थान होंगे. हवाई अड्डे के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए, हरित क्षेत्र भी प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. 40,000 वर्ग मीटर से अधिक लैंडस्केप में सुंदर पाथ वे लॉन और मौसमी फूलों से युक्त हरित क्षेत्र विकसित होगा.

इसके अलावा टर्मिनल 1 पर एप्रन का निर्माण होगा, जिससे अधिक विमानों को समायोजित करने में मदद मिलेगी और परिचालन दक्षता में सुधार होगा. टर्मिनल 2 पर कैनोपी का विस्तार का कार्य प्रगति पर है. इसका विस्तार पोर्च एरिया से नवनिर्मित पैसेंजर लेन को तरफ किया जायेगा. ये मौसम से बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और यात्रियों के आराम में सुधार करने के लिए किया जाएगा. 

इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों को महत्वपूर्ण दीर्घकालिक लाभ मिलेगा. विस्तारित और आधुनिक सुविधाओं से समग्र यात्रा अनुभव में वृद्धि होगी, भीड़भाड़ कम होगी और यात्रियों की संख्या में भविष्य की वृद्धि को समायोजित किया जा सकेगा. इससे न केवल हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ेगी बल्कि अधिक पर्यटकों और व्यावसायिक यात्रियों को आकर्षित करके क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा.

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