सरकार और प्रशासन के सारे दावों की खुल रही पोल, जयपुर की बदहाल सड़क... मौत के गड्ढों से होकर गुजर रहे राहगीर

राजस्थान में लगातार हो रही बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है, इस बारिश ने राजधानी जयपुर की सड़कों की हालत खराब कर दी.

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जयपुर में खराब रोड की तस्वीर

Rajasthan News: राजस्थान में मानसून की बारिश लोगों पर कहर बनकर बरप रही है. हालांकि मानसून की बारिश से पहले ही सरकार और प्रशासन किसी तरह की दिक्कत न होने की दावे कर रही थी. लेकिन जमीनी हकीकत अब सामने आ रही है. बारिश की वजह से जगह-जगह सड़कों पर पानी जमा है. वहीं पानी की वजह से अब सड़क पर गड्ढे भी दिखने लगे हैं. राजधानी जयपुर में बारिश की वजह से सड़क पर एक बड़ा गड्ढा बन गया है. जो राहगीरों के लिए मौत के गड्ढे से कम नहीं है. आर्श्चय की बात यह है कि यह गड्ढा मेट्रो की पिलड़ के ठीक नीचे और रेलवे स्टेशन के पास है, जहां रोजाना हजारों यात्री आवाजाही करते हैं.

स्मार्ट सिटी बनाने के दावों की सच्चाई

राजधानी जयपुर के गांधी पथ की रोड जयपुर के स्मार्ट सिटी का एक छोटा सा उदाहरण है. वैसे तो यह सड़क जयपुर के पॉश इलाके की बताई जाती है. लेकिन 6 महीने पहले इस सड़क का निर्माण करवाया जाता है, जिसमें कई करोड़ रुपए खर्च भी होते हैं. लेकिन मानसून के शुरू होते ही इस बारिश ने अधिकारियों के दावों की पोल खोल दी है. जिसमें अधिकारियों के द्वारा कहा जा रहा था कि हम जयपुर को स्मार्ट सिटी जल्द बना रहे हैं.

वैशाली नगर इलाके के पास की जेडीए कॉलोनी

जयपुर के ही वैशाली नगर इलाके के नजदीक जेडीए के द्वारा एक कॉलोनी वर्षों पहले बसाई जानी है. यहां की तस्वीर उन अधिकारियों के मुंह पर तमाचा है, जिन्होंने दावे किए थे कि मानसून से पहले हमने जल भराव वाले क्षेत्रों को जल भराव मुक्त कर दिया है. यह कॉलोनी जेडीए ने गिरधारीपुरा के नाम से बसाई थी. यह कॉलोनी बदहाल स्थिति में है. इस कॉलोनी में वैसे तो सुविधाओं के नाम पर पार्क है, पानी की टंकी है. लेकिन जल निकासी का कोई भी समाधान नहीं है.

बारिश के दौरान इस कॉलोनी में जलभराव इतना हो जाता है कि लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं. इससे पूर्व में भी इस कॉलोनी बाढ़ जैसे हालत बने है लेकिन जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली है. हालत बद से बदतर हो गए हैं. स्कूल जाने वाले बच्चे भी इस सड़ान भरे पानी के बीच से चलने के लिए मजबूर है.

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अधिकारियों के कानों में नहीं रेंगती जूं

मुख्य मार्ग वार्ड नंबर 9 की यह सड़क जयपुर के सीकर और दिल्ली हाईवे को जोड़ती है. जहां पर सड़क के बीचो-बीच सीवरेज के चैंबर खुले पड़े हैं, जो हादसों को बुलवा दे रहे हैं. बारिश के दौरान यह चैंबर और भी खतरनाक हो जाते हैं. यहां से हर दिन सैकड़ों की संख्या में राहगीर अपने-अपने दोपहिया और चौपाइयां वाहन लेकर निकलते हैं.

बारिश के दरमियान यह गड्ढे पानी होने के कारण सही से दिखाई नहीं पड़ते हैं. इसके कारण हादसों का अंदेशा बना रहता है. इसकी शिकायत वार्ड पार्षद किशन अजमेर ने कई बार की है लेकिन अधिकारियों के कानों पर जू तक नहीं रेंगती है. वार्ड पार्षद स्वयं इन गाडो के बारे में लोगों को अवगत कराते हैं. लेकिन जब वार्ड पार्षद ने जेडीए के अधिकारियों से बात की तो अधिकारियों ने पार्षद महोदय को केवल आश्वासन देकर फोन काट दिया.

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एक तरफ करोड़ों रुपए खर्च कर जयपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने कवायद जारी है. लेकिन सड़कों पर बने यह हालत कई सवाल भी खड़े करते हैं. क्या सड़कों पर बने यह गड्ढे कभी भरे जाएंगे या नहीं या नगरी उपकार के नाम पर यूं ही लूट जाएगा. सवाल यह भी उठाते हैं कि जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी कब समझेंगे और जनता को इस समस्या से मुक्ति दिलाएंगे.

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