विश्व हाथी दिवस (12 अगस्त) के मौके को यादगार बनाने के लिए इस फैशन शो का आयोजन किया जा रहा है. शो में हाथी पारंपरिक शाही शृंगार और पोशाक के साथ रैंप वॉक करेंगे. इस दौरान राजा-महाराजाओं के समय से चली आ रही प्राकृतिक रंगों से हाथियों को सजाने की परंपरा भी निभाई जाएगी.
हाथियों का होगा श्रृंगार
हाथियों के चेहरे और शरीर पर विशेष चित्रकारी कर उनको सजाया जाएगा. इसमें फूल, बेल बूटे, धार्मिक चिह्न और राजसी प्रतीक बनाए जाएंगे. हाथी गांव के लोगों के मुताबिक हाथियों का साज शृंगार केवल सजावट ही नहीं है बल्कि, उनकी सांस्कृतिक पहचान है. आज भी कई कलाकारों की कला और परंपरा को जीवंत रखे हुए है.
हाथी गांव बसाया.
62 किलो चांदी के जेवर पहनाए जाएंगे
हथिनी चंदा पहनेगी 62 किलो चांदी के जेवर, जयपुर राजघराने से उपहार में मिले थे. इस फैशन शो में हथिनी चंदा आयोजन में सबसे खास होगी. चंदा को हस्तकला से तैयार झूल पहनाई जाएगी, जिस पर शेर, हिरण और मोर जैसी कलात्मक कढ़ाई की गई है. इसके साथ ही 62 किलो चांदी के जेवर पहनाए जाएंगे. जो कि पांच पीढ़ी पहले जयपुर राजघराने से उपहार में मिले थे. इन गहनों में कंठा, श्री (माथे का गहना), पायजेब, कनगोजा (कानों के आभूषण) और धूमची (पूंछ का गहना) शामिल हैं.
एक दर्जन से ज्यादा हाथी करेंगे रैंप वॉक
12 अगस्त को होने वाले इस फैशन शो में लगभग एक दर्जन से ज्यादा हाथी रैंप वॉक करते हुए नजर आएंगे. इसको लेकर महावतों ने अपने स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है. कुछ ने फैशन शो के लिए विशेष रूप से नए आभूषण और खास पोशाक तैयार करवाए हैं. जिन्हें पहन चंदा, पुष्पा, बाबू, मारुति, राजकली, चमेली जैसे 15 हाथी और हथिनी रैंप वॉक करते नजर आएंगे
हाथियों के लिए बसाया गांव
जयपुर का हाथी गांव देश का एकमात्र ऐसा गांव है, जो विशेष रूप से हाथियों के लिए बसाया गया है. यहां के हर परिवार का जीवन हाथियों से जुड़ा हुआ है, फिर चाहे वो देखभाल हो, शृंगार हो या खान-पान हो. इस गांव के लोग हाथियों की देखभाल कर जीवन यापन कर रहे हैं.
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