Rajasthan: पूर्व CM वसुंधरा राजे ने भांकरोटा हादसे के घायलों से की मुलाकात , कहा- अच्छा है किसी ने इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया

Rajasthan: जयपुर- अजमेर हाईवे पर हुए गैस टैंकर हादसे के मरीजों के परिजनों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मुलाकात की है.

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Vasundhra Raje in SMS Hospital
PTI

Vasundhara Raje News: राजधानी जयपुर के लिए 20 दिसंबर ब्लैक फ्राइडे के तौर पर दर्ज हो गया है. इस दिन जयपुर- अजमेर हाईवे पर हुए गैस टैंकर हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी और तीन दिन बाद भी कई लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. ताजा हालात के मुताबिक हादसे में गंभीर रूप से घायल करीब 34 लोगों को इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां आज यानी सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एसएमएस अस्पताल में घायलों के परिजनों से मुलाकात कर हालचाल जाना.

घायलों के परिजनों से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने की मुलाकात

मुलाकात के दौरान उन्होंने प्राचार्य कक्ष में जाकर गंभीर रूप से जले मरीजों की रिकवरी के बारे में जानकारी ली. बैठक के बाद उन्होंने बताया कि बर्न वार्ड में जाने से संक्रमण का खतरा रहता है.इसलिए उन्होंने प्राचार्य कक्ष में ही परिजनों से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की. घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे बेहद दुखद बताया. साथ ही हादसे के समय मुसीबत में फंसे लोगों की जान बचाने वालो का भी आभार जताया. और सभी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की. उन्होंने आगे बताया कि  उन्होंने परिजनों से बात की है जिसमें उनकी परेशानी को समझने की कोशिश की. अस्पताल से मिल रहे सहयोग के बारे में भी चर्चा की. साथ ही डॉक्टरों को इलाज के लिए उचित निर्देश भी दिए.

इसके अलावा पूर्व सीएम ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि किसी ने भी इस दुर्घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश नहीं की क्योंकि यह एक मानवीय क्षति है जिसे संभालने की जिम्मेदारी हम सभी की है.

 23 मरीज अभी भी अस्पताल में है भर्ती

उधर, एसएमएस अस्पताल ने भी घायलों को लेकर मेडिकल बुलेटिन जारी किया है जिसमें बर्न विभाग के एचओडी ने बताया कि यहां अभी भी 23 मरीज भर्ती हैं. जिनमें से 3 वेंटिलेटर पर हैं और 2 मरीजों का स्किन ट्रांसप्लांट हुआ है. इससे उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाएगी. क्योंकि मरीजों के लिए स्किन ट्रांसप्लांट इसलिए जरूरी है क्योंकि ऐसे मामलों में बर्न पीड़ितों के पास अपनी त्वचा उपलब्ध नहीं होती है. इसलिए स्किन बैंक से त्वचा लेकर उन्हें ट्रांसप्लांट की जाती है, लेकिन इसमें काफी सावधानी बरती जाती है. क्योंकि ट्रांसप्लांट की गई त्वचा को शरीर 2 से 3 हफ्ते में रिजेक्ट कर देता है लेकिन तब तक मरीज को काफी राहत मिल जाती है. स्किन ट्रांसप्लांट इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे प्रोटीन काउंट बढ़ता है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है.

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