Jaipur Blast: जयपुर में भांकरोटा के अजमेर हाईवे पर एलपीजी गैस से भरी टैंकर और ट्रक के बाद अग्निकांड का मंजर जिसने भी देखा, वह हिल गया. टक्कर के बाद टैंकर में जोरदार धमाका हुआ. टैंकर में भरी एलपीजी गैस का रिसाव जहां तक हुआ, आग वहां तक फैलती गई.देखते ही देखते ही दर्जन भर गाड़ियों को आग ने अपनी आगोश में ले लिया. यह आग का गोला 800 मीटर के दायरे में खड़ी गाड़ियों को चपेट में ले चुका था. इसके चलते करीब 42 लोग आग में झुलस गए और 9 मौत की हो गई. एसएमएस हॉस्पिटल (SMS Hospital) में भर्ती कई घायल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि जिसने भी देखा, उसका दिल दहल उठा. कोई बदहवास होकर भाग रहा था तो कोई मदद की गुहार लगा रहा था. लेकिन इस अग्निकांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
आखिर कब उठाए जाएंगे सख्त कदम?
जानकारी के मुताबिक एलपीजी से भरा टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था. डीपीएस स्कूल के पास जैसे ही वो यू-टर्न ले रहा था, दूसरी ओर से आ रहे एक ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी. वहां खड़े एक ट्रक में माचिस के पैकेट रखे हुए थे. उन्हें निकालने के बाद पानी छिड़का गया. ताकि उनमें कोई विस्फोट ना हो जाए. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है कि हादसे की असल वजह क्या रही और चूक क्या हुई.लेकिन कुछ सवाल है जो इस कांड के बाद सुलग रहे हैं.
- ऐसे ज्वलनशील गैस टैंकर्स के लिए अलग लेन की व्यवस्था कब होगी?
- यू टर्न के पास साइन बोर्ड क्यों नहीं था?
- ट्रैफिक लाइट भी खराब क्यों पड़ी थी?
- यू टर्न के पास कोई स्पीड ब्रेकर क्यों नहीं था?
रेस्क्यू ऑपरेशन में होती देरी तो हो जाती बड़ी दुर्घटना!
आनन -फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि उसे काबू करने में घंटों लग गए. अग्निकांड की जो तस्वीरें सामने आईं, उसे देखकर आग के तांडव का अंदाजा लगाया जा सकता है. गनीमत यह रही कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द शुरू हुआ, नहीं तो और बड़ा नुकसान हो सकता था. क्योंकि जिस जगह दुर्घटना हुई उसके दोनों ओर कुल 3 पेट्रोल पंप थे, जिनमें से एक सीएनजी पेट्रोल पंप है. ट्रकों के बीच यह भीषण टक्कर भी दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने ही हुई.
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