Jaipur Foundation Day: जयपुर के स्थापना दिवस में कल होगी नगाड़ो-शहनाइयों की गूंज, राइजिंग राजस्थान की थीम पर सजा शहर

Jaipur News: जयपुर की बसावट 18 नवंबर, 1927 को हुई. पिछले 927 वर्षों से सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए इस शहर की वास्तुकला भी नायाब है.

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Jaipur Foundation's Day: जयपुर सिर्फ एक शहर नहीं, यह कला और संस्कृति का एक खजाना है. यहां की हर गली, बाजार और तीज-त्योहार अनूठी संस्कृति और  अपने आप में एक कहानी बयां करते हैं. 18 नवंबर, 1927 को बसा यह शहर सोमवार से स्थापना दिवस के जश्न में डूब जाएगा. जयपुर (Jaipur Foundation's Day) ग्रेटर नगर निगम की ओर से 18 नवंबर को भगवान गणेश की आराधना के साथ समारोह का आगाज होगा. पिछले 927 वर्षों से सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए इस शहर की वास्तुकला भी नायाब है. गुलाबी नगरी को महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने आधुनिक शहर के रूप में स्थापित किया था. इसकी बसावट के दौरान वास्तुशास्त्र और खगोलशास्त्र का पूरा ध्यान रखा गया. हवामहल, नाहरगढ़ किला, आमेर फोर्ट, जंतर मंतर जैसे कई खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है. 

मांडना से सजेगा शहर, स्वच्छता प्रतियोगिता का भी होगा आयोजन

वहां गज पूजन में सैकड़ों की संख्या में लाल साड़ी पहने महिलाओं की ओर से भगवान गणेश की आरती की जाएगी. फिर जयपुर की जिस स्थान पर नींव रखी गई थी. उस गंगापोल गेट पर भगवान गणेश की पूजा की जाएगी और फिर जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर पहुंच कर भगवान पूजन किया जाएगा. शाम को जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय के स्मारक स्टैच्यू सर्किल पर दीपदान कर उन्हें धन्यवाद दिया जाएगा. नगाड़े-शहनाई के साथ तीनों प्रमुख दरवाजों, गणेश मन्दिर और स्टैच्यू सर्किल को सजाया जाएगा. आगामी 21 नवंबर को स्वच्छता सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. हर जोन में वार्ड स्तर पर स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. प्रत्येक जोन में मांडना प्रतियोगिता में राइजिंग राजस्थान और स्थानीय कला के मांडना बनाएंगे.

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यहां के पर्व और व्यंजन ऐतिहासिक नगरी में लगाते हैं चार चांद

यहां के राजस्थानी व्यंजन का स्वाद, जौहरी बाजार और त्रिपोलिया बाजार की रौनक, हर पर्यटक के दिल को छू जाती है. यहां के पर्यटन स्थल को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल किया जा चुका है, जिसके चलते दुनियाभर से सैलानी यहां आते हैं. कला और संस्कृति के प्रतीक शहर में पर्यटक को घूमर और कालबेलिया नृत्य की ताल, बाजार में बंधेज की साड़ी, लाख की चूड़ियां और कुंदन की चमक भी खूब लुभाती है. राजधानी में तीज माता की सवारी और झूले की रस्में इस ऐतिहासिक नगरी की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. जयपुर ने न केवल अपनी विरासत को संभाला है, बल्कि आधुनिकता को भी बखूबी अपनाया है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जयपुर मेट्रो और आईटी सेक्टर के चलते यह शहर विकसित शहरों में शामिल है.  

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