जयपुर में मकान ढहा: दीवार पर टंगी घड़ी चलती रही, मगर यहां बसने वाले लोगों की सांसे अटक गईं

Jaipur House Collapse: जयपुर के सुभाष चौक इलाके में आधी रात को एक पुराना मकान ढह गया, जिसमें 19 लोग दब गए. इनमें से 2 की मौत हो गई, जबकि अन्य 5 को जिंदा रेस्क्यू कर लिया गया.

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जयपुर: सुभाष चौक में मकान ढहने से पिता-पुत्री की मौत, बारिश बनी हादसे की वजह
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सुभाष चौक इलाके में आधी रात को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने घड़ी की सुइयों को तो चलने दिया, लेकिन घर में रहने वालों की सांसें थाम दीं. एक जर्जर मकान के अचानक ढह जाने से 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य लोग मलबे में दबने से घायल हो गए. यह हादसा उस वक्त हुआ, जब किराए के मकान में रहने वाले बंगाली प्रवासी परिवार के 19 सदस्य गहरी नींद में सोए हुए थे.

'सिर्फ कराहने की आवाज आ रही थी'

हादसे की खबर मिलते ही घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई. शुक्रवार रात करीब 2 बजे रामकुमार धावाई की गली में यह पुराना मकान अचानक ढह गया. आसपास के लोग आवाज सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. जिस घर में कुछ देर पहले हंसी-खुशी का माहौल था, वहां अचानक खामोशी छा गई, सिर्फ मलबे में दबे लोगों की कराहने की आवाजें सुनाई दे रही थीं.

सभी 5 घायल SMS अस्पताल में भर्ती

एडिशनल एसपी दुर्ग सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि इस इमारत में लगभग 19 लोग किराए पर रह रहे थे. इन 19 लोगों में से 7 घायल हो गए. घायलों को तुरंत जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें से दो की मौत हो गई है. पुलिस को कल रात 1.15-1.30 बजे सूचना मिली और पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंच गए. सिविल डिफेंस को भी बुलाया गया. अब रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है.

'बारिश में सीलन की वजह से ढहा मकान'

सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित शर्मा ने बताया कि यह मकान बहुत पुराना था और पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण इसकी नींव कमजोर हो गई थी. दीवारों में आई सीलन ही इस भयानक हादसे की वजह बनी. यह घर बंगाल से आए कुछ प्रवासी लोगों ने किराए पर लिया था, जो यहां अपना जीवन यापन कर रहे थे.

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फिर पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल

इस दुखद घटना ने एक बार फिर पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. शहर में ऐसी कई जर्जर इमारतें हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं. जरूरत है कि प्रशासन इन इमारतों पर ध्यान दे और समय रहते कोई ठोस कदम उठाए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके. यह घटना एक चेतावनी है, उन सभी के लिए जो पुराने मकानों में रहते हैं, जहां घड़ी तो चलती रहती है, लेकिन वक्त कभी भी बदल सकता है.

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