Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी करने वाले मामले की जांच अब अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) करेंगे. मंगलवार को इस संबंध में राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए ये जानकारी साझा की है. इसमें लिखा है कि मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत एसीपी क्राइम को इस केस की जांच प्रभावी ढंग से करने के लिए सौंपी गई है. डॉ. रश्मि गुप्ता पहले से ही समुचित प्राधिकारी के रूप में जांच कर रही हैं. ऐसे में एसीपी क्राइम के समुचित प्राधिकारी नियुक्त होने से इस प्रकरण में आपराधिक दृष्टि से जुड़े पक्षों पर भी गहन जांच पड़ताल हो पाएगी.
इससे पहले 24 अप्रैल को राजस्थान सरकार ने अंग प्रत्यारोपण में संदिग्ध भूमिका के मद्देनजर जयपुर के मणिपाल अस्पताल को जारी रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल सर्टिफिकेट निलंबित कर दिया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा के निर्देश के बाद सक्षम प्राधिकारी द्वारा निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई. एक सरकारी बयान के अनुसार, प्राधिकृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि मणिपाल अस्पताल को मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए ‘ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट' के तहत पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे.
विगत दिनों मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने का प्रकरण सामने आने के बाद इस मामले में फोर्टिस अस्पताल के कर्मचारी गिरिराज शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. शर्मा पूर्व में मणिपाल अस्पताल में भी कार्यरत था. मणिपाल अस्पातल में भी मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी प्राप्त करने में शर्मा की भूमिका सामने आई है. उल्लेखनीय है कि फर्जी एनओसी प्रकरण में इससे पूर्व जयपुर के फोर्टिस अस्पताल एवं ईएचसीसी अस्पताल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया था.
(खबर अपडेट की जा रही है...)
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