जयपुर-जोधपुर और कोटा निगम का एकीकरण, पूनम ने संभाली कमान... खत्म हो गई महापौरों और पार्षद की ताकत

तीन निगमों के एकीकरण के बाद संभागीय आयुक्त अब प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों के साथ निगम के प्रशासक होंगे. महापौरों और पार्षदों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सभी अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं.

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Punam Divisional Commissioner Jaipur

Jaipur News: राजस्थान के तीन बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर और कोटा में नगर निगमों के एकीकरण का फैसला भजनलाल सरकार ने लिया था. अब इसके बाद अब इन शहरों की कमान संभागीय आयुक्तों के हाथ में आ गई है. सरकार के इस फैसले के बाद महापौरों और पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो गया है और उनके सभी प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं. अब निगमों के प्रशासक के तौर पर संबंधित संभागीय आयुक्त कामकाज देखेंगे.

जयपुर में संभागीय आयुक्त पूनम ने सोमवार को निगम प्रशासन की कमान संभाल ली. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था को एडजस्ट होने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन यह बदलाव जयपुर नगर निगम के कामकाज को और अधिक सुचारु और पारदर्शी बनाएगा.

जल्द होगी सेवा सामान्य

पूनम ने बताया कि शुरुआती चरण में वेबसाइट्स और ऑनलाइन सेवाओं को एकीकृत करने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे नागरिकों को डिजिटल सेवाओं में फिलहाल कुछ असुविधा हो सकती है. हालांकि, टेक्निकल टीमें काम पर लगी हैं और जल्द ही सभी सेवाएं सामान्य हो जाएंगी.

पहले की तरह चलेगा कामकाज

उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय शहर के हित में है और इससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी. पूनम ने कहा कि उनकी प्राथमिकता जयपुर के हेरिटेज लुक को सुरक्षित रखना, सफाई व्यवस्था में सुधार, और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाना रहेगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि आम लोगों के दैनिक कामकाज में कोई रुकावट नहीं आने दी जाएगी. लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरूरी कार्यों के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, कामकाज पहले की तरह चलता रहेगा.

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दरअसल निगमों के एकीकरण के बाद संभागीय आयुक्त अब प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों के साथ निगम के प्रशासक होंगे. महापौरों और पार्षदों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सभी अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं. एक संभागीय आयुक्त के साथ एक आईएएस और दो आरएएस अधिकारी अतिरिक्त आयुक्त के रूप में नियुक्त किए जा सकते हैं. निगम वेबसाइट्स का विलय किया जा रहा है ताकि नागरिक सेवाएं एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हों. एकीकृत निगमों में जोन सीमाओं का निर्धारण सरकार जल्द करेगी.

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