राजस्थान में जयपुर बाल सुधार गृह का है बुरा हाल, 8 साल में भाग चुके हैं 108 बच्चे

जयपुर बाल सुधार गृह से जिस तरह से बच्चे भाग रहे हैं. यह न केवल उन बच्चों के भविष्य के लिए खराब है. बल्कि समाज के लिए भी खतरा है.

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जयपुर बाल सुधार गृह में लगतारा हो रही लापरवाही

Jaipur Juvenile Home: राजस्थान में जयपुर बाल सुधार गृह से 5 मार्च 2024 को रात में 20 बच्चे (बाल अपचारी) फरार हो गए. बताया जा रहा है कि बच्चे दीवार तोड़ कर वहां से भाग निकले. हालांकि ये मामला कोई नया नहीं है. पिछले महीने यानी फरवरी महीने में 12 तारीख को 23 बच्चे जयपुर बाल सुधार गृह से फरार हो गए थे. इतना ही नहीं अगर आप जयपुर बाल सुधार गृह से फरार बच्चों का आंकड़ा देखेंगे तो आपके पैरों तले जमीन खीसक जाएगी. क्योंकि जयपुर बाल सुधार गृह से महज 8 सालों में 108 बच्चे फरार हो चुके हैं.

जयपुर बाल सुधार गृह से जिस तरह से बच्चे भाग रहे हैं. यह न केवल उन बच्चों के भविष्य के लिए खराब है. बल्कि समाज के लिए भी खतरा है. क्योंकि बाल अपचारी किसी न किसी अपराध की वजह से बाल सुधार गृह में रखे जाते हैं. इसमें कई बच्चे तो जघन्य अपराध से संबंधित हैं. ऐसे में उनका इस तरह से बाल सुधार गृह से भाग जाना समाज के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि इससे बच्चों में अपराध बढ़ सकता है.

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8 साल में 108 बच्चे हो चुके हैं फरार

5 मार्च 2024 को 20 बच्चे फरार

12 फरवरी 2024 को  23 बच्चे फरार

28 जून 2023 को 15 बच्चे फरार

16 सितंबर 2023 को भी 3 बच्चे फरार

14 दिसंबर 2022 को 6 बच्चे फरार

3 जनवरी 2017 को 9 बच्चे फरार

8 दिसंबर 2016 को 15 बच्चे फरार

12 नवंबर 2016 को 17 बच्चे फरार 

इन आंकड़ो को देखने के बाद साफ है कि जयपुर बाल सुधार गृह का बहुत ही बुरा हाल है. इससे पता चलता है कि यहां कितनी लापरवाही बरती जाती है. वहीं जो बाल अपचारी यहां सुधार के लिए लाए गए हैं उनके लिए कैसी व्यवस्था होगी. जहां एक ओर सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. वहीं प्रशासनिक महकमा भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. हर साल बच्चे बाल सुधार गृह से भाग रहे हैं लेकिन इसके बावजूद इसकी सूध लेने वाला कोई नहीं है.

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बाल सुधार गृह है 50 साल पुराना

बाल सुधार गृह में बच्चों को जो चारपाई सोने के लिए दिया जाता है. वह लोहे का होता है. बीते 5 मार्च को बच्चों ने इसी चारपाई के लोह से बाथरूम की दीवार तोड़कर फरार हो गए. वहीं, इस बारे में सुधार गृह के कर्मचारियों का कहना है कि भवन 50 साल पुराना है. इस वजह से यह ढह रहा है और इसकी रिपेयरिंग भी नहीं की जाती है. यहां की दीवारें जर्जर हो चुकी है. इस वजह से बच्चे दीवार और खिड़की को आसानी से तोड़ देते हैं. बताया जाता है कि वर्तमान में 64 बाल अभिचारी हैं. सुरक्षित होम में 18 साल से अधिक उम्र के 22 बच्चे है. जबकि विशेष होम में उन बच्चों को रखा जाता है जो न्यायालय से सजा प्राप्त कर चुके हो जहां वर्तमान में 18 बाल अभिचारी हैं.

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आपको बता दें, जयपुर के सेठी कॉलोनी में स्थित बाल सुधार गृह से भी हर साल बच्चे जेल तोड़कर भागते रहे हैं. बाल अपचारी बाल गृह की खिड़कियां, दरवाजे तोड़कर या कभी दीवार फांद कर भाग चुके हैं.

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