Manish Pandey suicide in Jaipur police custody: जयपुर पुलिस की हिरासत में मनीष पांडे की आत्महत्या के मामले में थानाधिकारी समेत 6 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. सदर थानाधिकारी सहित 2 एसआई, 2 हैड कांस्टेबल और 1 एक कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. इस संबंध में जयपुर पुलिस कमिश्नर ने आदेश जारी किए हैं. साथ ही न्यायिक मजिस्ट्रेट इस मामले की जांच करेंगे. मृतक के परिजनों के यूपी से पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम होगा. रेलवे स्टेशन के सामने स्थित सदर थाने में शनिवार (22 जून) को युवक की मौत हो गई थी. जानकारी के मुताबिक, उसे 2 दिन से अवैध रूप से थाने की हिरासत में बैठा रखा था. पुलिस का कहना है कि वह नशे का आदी था और चोरी के आरोप में उसे थाने लाया गया था.
पुलिस की अवैध हिरासत में था आरोपी
मृतक मनीष पांडे (28) का शव जेल में फंदे से लटका मिला था. आनन-फानन में शव को फंदे से उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद जयपुर पुलिस के अधिकारियों ने तत्काल दिशा-निर्देश देकर शनिवार की डेट में एक एफआईआर दर्ज कराई. इसमें भी मनीष पांडे की अरेस्टिंग नहीं है यानी जाहिर तौर पर उसे अवैध हिरासत में रखा गया था.
मनीष पांडे की मौत के मामले में उठ रहे सवाल
इस मामले में परिवार और मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मनीष की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस अभिरक्षा में युवक के पास फांसी लगाने के लिए फंदा कैसे पहुंचा? क्या थाने में सीसीटीवी कैमरे चालू थे? क्या परिजनों को हिरासत की सूचना समय पर दी गई?
सीएम ने कुछ दिन पहले इसी थाने का किया था दौरा
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसी सदर थाना परिसर का दौरा किया था. उन्होंने थाने में बैठकर पुलिसिंग सुधार और मानवाधिकारों की बात कही थी. अब उसी थाने में हिरासत में युवक की मौत होना पूरे पुलिस महकमे पर सवाल खड़े कर रहा है.
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