Rajasthan News: नगर निगम ग्रेटर द्वारा राजधानी के 150 वार्डों में पक्षियों के लिए जलपात्र अब बरसात के मौसम में भेजे जाने पर नगर निगम ग्रेटर में नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह प्रशासन की संवेदनहीनता और कागजी कार्यवाही की जीती-जागती मिसाल है. चौधरी ने कहा कि जब राजधानी तप रही थी, परिंदे प्यास से मर रहे थे, तब नगर निगम मूकदर्शक बना रहा. अब जब हर गली में पानी बह रहा है, तब जलपात्र भेजना क्या मजाक नहीं है? यह दर्शाता है कि नगर निगम में योजनाओं का कोई पूर्व नियोजन नहीं है, सब कुछ बस फाइलों में टिक करने और बजट खर्च दिखाने के लिए किया जा रहा है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह महज एक जलपात्र नहीं, बल्कि प्रशासन की पूरी कार्यशैली का आईना है – जिसमें जरूरत की घड़ी में चुप्पी और बेवक्त दिखावे की होड़ है.
चौधरी ने यह भी कहा कि "राजधानी में एक ओर पार्षद अपने क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, नालों की सफाई, स्ट्रीट लाइट और मूलभूत सुविधाओं के लिए महापौर से लगातार गुहार लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर महापौर इन समस्याओं से मुंह मोड़कर विदेश भ्रमण पर मस्त हैं."
उन्होंने आरोप लगाया कि जब जयपुर जलभराव, गंदगी, सीवर जाम, टूटे रास्ते और बदहाल व्यवस्था से त्रस्त है, तब जिम्मेदार प्रतिनिधि अपनी भूमिका से पलायन कर रहे हैं.
राजीव चौधरी ने निगम आयुक्त से तत्काल इस मुद्दे की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की, साथ ही जल से जल्द साधारण सभा आहूत करने के लिए भी ज्ञापन पत्र दिया और वार्डों के विकास के लिए बजट के लिए भी मांग की और पूर्व में अटके पड़े. कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराने के लिए भी अधिकारियों को पाबंद करने के लिए कहा.
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