नगर न‍िगम भांप गया था खतरा, दो बार नोट‍िस भेजा; खाली कर देते मकान तो बच जाती बाप-बेटी की जान

जयपुर नगर निगम मानसून की शुरुआत में सर्वे कराया था. इस सर्वे में नगर निगम हेरिटेज ने 126 जर्जर भवनों को चिह्नित किया था. खाली करने के ल‍िए नोट‍िस भी द‍िया था.

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जयपुर में मकान गिर गया, जिसमें पिता-पुत्री की मौत हो गई.

राजधानी जयपुर में शुक्रवार देर रात परकोटे में सुभाष चौक के पास एक जर्जर हवेली गिर गई. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई. अन्य 3 गंभीर रूप से घायल हैं. मरने वालों में प्रभात और उसकी 6 साल की बेटी शामिल है. पत्नी सुनीता गंभीर रूप से घायल है. घायलों का एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है. सुभाष चौक में हुआ ये हादसा निगम और प्रशासन के कामकाज पर गंभीर सवाल उठा रहा है. इस मकान के संबंध में निगम की ओर से नोटिस दिया गया था. 13 अगस्त और 4 सितंबर को भी निगम ने अपनी ओर से नोटिस दिया था. 

126 भवन चिह्नित किए गए 

अभी भी आस-पास ऐसे कई घर मौजूद हैं, जो पुराने और जर्जर हालात में हैं. कभी भी किसी अनहोनी को बुलावा दे सकते हैं. निगम की ओर से मॉनसून की शुरुआत में सर्वे कराया गया. इस सर्वे में नगर निगम हेरिटेज ने 126 जर्जर भवनों को चिह्नित किया था, इनमें सर्वाधिक 65 भवन किशनपोल जोन में हैं. इसके अलावा, हवामहल-आमेर में 29 भवन, आदर्श नगर में 18 भवन और सिविल लाइन में 14 जर्जर भवन पाए गए. जोन उपायुक्तों ने मकान मालिकों को नोटिस भेजकर मरम्मत के आदेश दिए थे.

48 भवनों को ध्वस्त करने का था नोटिस 

इसके बाद भवनों को गिराने और खाली करवाने के दावे भी किए गए. इसके अलावा 48 इमारतें अधिक जर्जर हालत में मिली थीं, जिन्हें ध्वस्त करने की योजना बनाई गई थी. अब इस हादसे के बाद सवाल यही उठ रहे हैं कि क्या कार्रवाई केवल कागजी रही. इस दर्दनाक हादसे ने ऐसे सवाल खड़े किए हैं. इस हादसे के बाद आस-पास के लोग सहमे हुए हैं. अब घर को खाली नहीं कराया तो और हादसे हो सकते हैं.

4 मंजिला भवन गिराकर गिर गई थी  

4 मंज‍िला भवन भरभराकर ग‍िर गई थी, ज‍िसमें 7 लोग दब गए थे. मलबे में दबे हुए लोगों को बाहर न‍िकाला गया, ज‍िसमें प‍िता-पुत्री की सांसें थम चुकी थीं.5 घायलों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया, ज‍िसमें 2 बच्‍चे शाम‍िल हैं. इलाज के बाद एक को छुट्टी दे दी गई. पर‍िजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है.

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