Lawrence Gang: राजस्थान सीआईडी क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े छह आरोपियों को वारदात को अंजाम देने से पहले ही दबोच लिया गया. एन्टी गैंगस्टर टास्क फोर्स और स्पेशल ऑपरेशन सेल अमृतसर की संयुक्त कार्रवाई में जयपुर और टोंक से पकड़े गए इन आरोपियों को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है.
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, अपराध, दिनेश एम.एन. के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई का लक्ष्य नवांशहर, जालंधर में 7 जुलाई को हुई ग्रेनेड ब्लास्ट वारदात और 15 अगस्त के आसपास दिल्ली व ग्वालियर में धमाके की साजिश को नाकाम करना था. 7 जुलाई को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने शराब की दुकान के सामने ग्रेनेड फेंककर धमाका किया था, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी.
इन्हें किया गया गिरफ्तार
जयपुर और टोंक से गिरफ्तार आरोपियों में शिवम उर्फ बिट्टू पुत्र संजीव यादव, निवासी चांदोली, उत्तर प्रदेश जितेंद्र चौधरी पुत्र भागचंद, निवासी टोंक, राजस्थान, संजय पुत्र बुद्धराम, निवासी हनुमानगढ़, राजस्थान, सोनू उर्फ काली पुत्र उदय मंडल, निवासी कपूरथला, पंजाब, सोनू पुत्र राजू पासवान, निवासी कपूरथला, पंजाब और एक नाबालिग आरोपी शामिल है.
कनाडा में रह रहे जिशान अख्तर के संपर्क में थे
पूछताछ में सामने आया कि ये सभी कनाडा में रह रहे जिशान अख्तर के संपर्क में थे, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता है और पाकिस्तानी गैंगस्टर शहजाद भट्टी, मनु अगवान और गोपी नवाशहरिया से जुड़ा है. जिशान अख्तर ने न केवल नवांशहर धमाके के लिए ग्रेनेड उपलब्ध कराया बल्कि स्वतंत्रता दिवस के आसपास दिल्ली और ग्वालियर में धमाके की जिम्मेदारी भी इन्हें सौंपी थी. पकड़े गए आरोपी सोशल मीडिया और ऑनलाइन एप्स के जरिए जिशान अख्तर से जुड़े थे और उसकी ओर से मिले निर्देश पर वारदात की तैयारी कर रहे थे.
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