जयपुर में नर्सिंग कॉलेज का बड़ा खेल, बिना मान्यता ही लिया गया एडमिशन... अधर में लटके छात्र कर रहे प्रदर्शन

जयपुर में प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के पास मान्यता नहीं होने के बावजूद एडमिशन लेकर BSC नर्सिंग छात्रों का करियर अधर में लटक गया है.

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Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में नर्सिंग कॉलेज के धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज को मान्यता प्राप्त नहीं थी और धोखे में रखकर नर्सिंग छात्रों का एडमिशन दे दिया. वहीं अब छात्रों को इस बात की जानकारी मिली है तो ऐसे में नर्सिंग छात्रों का करियर अधर में लटक गया है. अब नर्सिंग कॉलेज के छात्र संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं.

मामला जयपुर जिले के बगरू के पास बालाजी स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज का है. जहां प्रबंधन की ओर से छात्रों को बिना मान्यता के BSC नर्सिंग कोर्स में एडमिशन देने का मामला सामने आया है. इसे लेकर छात्र और छात्राएं कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग कोर्स की मान्यता नहीं

गुस्साए छात्र छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. छात्रों का आरोप है कि उन्हें धोखे में रखकर चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग कोर्स में एडमिशन दिया गया. जबकि कॉलेज को इस पाठ्यक्रम की मान्यता ही प्राप्त नहीं है. आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं सूचना पर बगरू पुलिस पर पहुंची और छात्रों को समझाइश का प्रयास किया. हालांकि, छात्र कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई होने तक धरने पर डटे रहने की बात कह रहे हैं.

INC मान्यता नहीं मिली तो नहीं मिलेगी नौकरी

पीड़ित छात्र दिया कुमारी ने बताया कि वह 5 सेमेस्टर की छात्रा है. दिया ने मांग रखते हुए कहा कि उन्हें INC की मान्यता चाहिए. जब एडमिशन लिया था तो कॉलेज ने कहा था कि INC और RNC से मान्यता प्राप्त है. उनके रिसिप्ट में भी INC अप्रूव की बात लिखी हुई है. वहीं जब उन्होंने इस बारे में प्रबंधन से बात की लेकिन कॉलेज इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. दिया ने बताया कि अगर हमारे पास INC की मान्यता नहीं होगी तो हमें नौकरी नहीं मिलेगी. अगर मिल भी जाती है तो सैलरी अच्छी नहीं दी जाती है. दूसरे राज्यों में भी अगर काम करने जाएं तो INC मान्यता की जरूरत होती है.

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दिया ने यह भी आरोप लगाया है कि कॉलेज के पास कोई अस्पताल नहीं है. जबकि बताया गया था कि अपना अस्पताल है. इसके अलावा फैकल्टी की सुविधा भी नहीं दी जा रही है. किसी भी फ्रेशर को फैकल्टी के तौर पर लाया जाता है. जिन्हें खुद ही जानकारी नहीं होती है.

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