Rajasthan News: पिछले कुछ दिनों से जयपुर के शिप्रा पथ और महेश नगर इलाकों में चेन स्नेचिंग की वारदातें हो रही थीं. वारदात का तरीका भी एक जैसा था: हेलमेट पहनकर आते थे, बिना नंबर प्लेट वाली बाइक पर सवार होते थे, और टारगेट होती थीं बुज़ुर्ग या अधेड़ उम्र की महिलाएं. ये बदमाश, मंदिरों या बाजारों से लौट रही महिलाओं पर घात लगाकर हमला करते थे. डीसीपी साउथ राजर्षि राज वर्मा ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ये गैंग पहले अपनी शिकार की रेकी करता था. जैसे ही कोई अकेली महिला दिखती, एक बदमाश उसके पास जाता, उसकी आंखों में मिर्ची झोंककर उसे बेहाल कर देता, और फिर झटके से सोने की चेन छीनकर भाग जाता. दूसरा साथी पास ही बाइक स्टार्ट करके इंतज़ार करता रहता था.
पुलिस ने कैसे बिछाया जाल?
पुलिस के लिए ये चुनौती बड़ी थी. क्योंकि ये शातिर बदमाश पुलिस को गुमराह करने के लिए घंटों कॉलोनियों में घूमते रहते थे ताकि सीसीटीवी फुटेज से उनका रूट पता न चल सके. लेकिन जयपुर साउथ पुलिस ने भी हार नहीं मानी. डीसीपी राजर्षि राज वर्मा ने फौरन एक स्पेशल टीम बनाई, जिसका नेतृत्व शिप्रा पथ की थानाधिकारी गुंजन कर रही थीं. टीम ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले. एक-एक फ्रेम को गौर से देखा गया. करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने बदमाशों का रूट ट्रेस किया और उनके रहने की जगह का पता लगाया. इस दौरान पुलिस को पता चला कि गैंग का मास्टरमाइंड सुनील है. मनीष और राम लखन उसके सहयोगी हैं. काफी मशक्कत के बाद, पुलिस को किशनगढ़ टोल के पास आरोपी मनीष उर्फ कालू के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने उसे फौरन दबोच लिया. फिर उसकी निशानदेही पर सुनील और राम लखन को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
गैंग का खुलासा: कौन है मास्टरमाइंड?
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने 5 अगस्त 2025 को महारानी फार्म के पास हुई चेन स्नेचिंग की वारदात को भी कबूल किया. उस दिन गुलाबी साड़ी पहने एक महिला की चेन छीनी गई थी. आरोपियों ने बताया कि उस वारदात के समय सुनील उर्फ रैंचो के साथ राम लखन उर्फ लखन था, जो बाइक चला रहा था. इस गैंग के सदस्य सुनील उर्फ रैंचो, मनीष राठौड़ और राम लखन उर्फ लखन हैं. ये तीनों मिलकर जयपुर में इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. अब पुलिस इनसे और वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है.
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