एसएमएस हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का सातवां दिन, अब इमर्जेंसी सेवाओं पर खतरा

Rajasthan News : जयपुर के SMS हॉस्पिटल के रेज़िडेंट डॉक्टर 8 अक्टूबर से हड़ताल कर रहे हैं. अब राज्य के कई और अस्पतालों के रेज़िडेंट डॉक्टरों ने भी उनके समर्थन में आंशिक हड़ताल शुरू कर दी है.

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SM Hospital Doctors Strike : जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (Sawai Mansingh Hospital) में रेज़िडेंट डॉक्टरों की सात दिनों से जारी हड़ताल से हॉस्पिटल की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. एसएमएस अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लग रही है. पहले की तुलना में मरीज़ों को डॉक्टरों से मिलने के लिए तीन गुना लंबा समय लग रहा है. एसएमएस कॉलेज के रेज़िडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को राजस्थान के दूसरे कॉलेजों के रेज़िडेंट डॉक्टरों का भी समर्थन मिल रहा है. आज (सोमवार, 14 अक्तूबर) को प्रदेश के अलग-अलग कॉलेजों के रेज़िडेंट डॉक्टर दो घंटे की हड़ताल कर रहे हैं.

अजमेर में रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे के लिए ओपीडी का बहिष्कार किया. ऑल राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के तत्वाधान में अजमेर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक दो घंटे की हड़ताल की. अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के  रेज़िडेंट चिकित्सकों ने बताया कि 52 दिन पहले भी उन्होंने अपनी 8 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन और हड़ताल किया था. तब सरकार द्वारा सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई थी.

हड़ताल से एसएमएस हॉस्पिटल में मरीज़ों की लंबी कतारें

रेज़िडेंट डॉक्टरों के संगठन जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स (JARD) ने इमर्जेंसी सेवाओं का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कह रखा है कि अगर सरकार ने आज उनकी मांगों के बारे में ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वह इमर्जेंसी वॉर्ड में आए मरीज़ों को देखना बंद कर देंगे. सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के रेज़िडेंट डॉक्टर पिछले सप्ताह मंगलवार, 8 अक्तूबर को हड़ताल पर चले गए थे.

रेज़िडेंट डॉक्टर आठ मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी ये मांगें पुरानी हैं मगर कई बार अल्टीमेटम देने के बाद भी राज्य सरकार इन मांगों को पूरी करने में नाकाम रही है.

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हड़ताली रेज़िडेंट डॉक्टरों की 8 मांगें 

  • पूर्व में हुए समझौते के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए. 
  • समय पर वेतन बढ़ाया जाए. रेज़िडेंट डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में राजस्थान में दिया जा रहा वेतन, आस पड़ोस के समस्त राज्यों से कम है.
  • बॉण्ड पॉलिसी में बदलाव किया जाए.
  • उन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को मकान किराया भत्ता (HRA) दिया जाए जो हॉस्टल में नहीं रहते हों. 
  •  विशेष मेडिकल ऑफिसर पदों की भर्ती  निकली जाए.
  • जिन डिपार्टमेंट में पीजी की पढ़ाई होती है, उन सभी डिपार्टमेंट में जेएस/एसएस पदों का सृजन हो.
  • अकादमिक और गैर-अकादमिक सीनियर रेज़िडेंट डॉक्टरों (SR) की तनख्वाह में विसंगति दूर हो. हड़ताली डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में अकादमिक SR की तनख्वाह गैर-अकादमिक SR से कम है. 
  • राजस्थान सरकार के इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए सुपर-स्पेशलाइजेशन के बाद, उनकी वेतन वृद्धि और पदोन्नति उसी तरह से हो, जैसे पीजी पासआउट डॉक्टरों की होती है.

रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स ने इससे पहले कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में 11 दिन की हड़ताल की थी. रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स के संगठन का कहना है कि उन्होंने राजस्थान सरकार से भरोसा मिलने के बाद हड़ताल ख़त्म कर दी थी. मगर उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.

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