Rajasthan News: थार के रेगिस्तान में सुनहरी रेत, राजसी हवेलियों की भव्यता और ऐतिहासिक किलों की पृष्ठभूमि ने जैसलमेर को डेस्टिनेशन वेडिंग के नक्शे पर एक नए 'रॉयल हब' के तौर पर स्थापित कर दिया है. दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक, तीन महीने के आगामी वेडिंग सीजन में जैसलमेर में 30 से 40 बड़ी शाही शादियां होने जा रही हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग में उत्साह का माहौल है. अनुमान है कि यह सीजन जैसलमेर को अकेले 100 करोड़ रुपये का वेडिंग बिजनेस दे सकता है.
रेत, रॉयल्टी और रोमांटिक थीम्स
जैसलमेर की अनूठी बनावट और बसावट इसे देश-विदेश के कपल्स के लिए खास बना रही है. डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए कपल्स अब उदयपुर और जयपुर के महलों के बाद, रेगिस्तान के मखमली धोरों (रेत के टीलों) की रौनक को पहली पसंद बना रहे हैं. आंकड़े पर नजर डालें तो दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच 30 से 40 बड़ी रॉयल वेडिंग्स बुक. 50 से अधिक छोटे समारोह, जैसे जन्मदिन और एनिवर्सरी समारोह भी बुक हो चुके हैं. एक बड़ी शादी का औसत पैकेज 60 लाख से 3 करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है, जबकि लक्ज़री पैकेज 10 करोड़ रुपये तक जाते हैं.
इवेंट इंडस्ट्री में विदेशी मांग
जैसलमेर के वेडिंग ट्रेंड की सबसे बड़ी खासियत इसकी अंतर्राष्ट्रीय अपील है. इवेंट मैनेजर और पर्यटन व्यवसायी भरत भूषण ओझा के अनुसार, अब सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि यूरोप और खाड़ी देशों के कपल्स भी 'थार वेडिंग' को अपनी पहली पसंद बना रहे हैं.
ओपन स्काई फेरे (Open Sky Phere): खुले आसमान के नीचे फेरे लेने का अनुभव.
सिल्क पाथवे मंडप (Silk Pathway Mandap): मंडप को रेशमी रास्ते पर सजाना.
थार फ्यूजन क्यूज़ीन (Thar Fusion Cuisine): राजस्थानी और अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों का फ्यूजन.
डेजर्ट कैंप्स, प्रीमियम रिसॉर्ट्स और किला-व्यू होटलों की बुकिंग महीनों पहले से फुल हो चुकी है. इवेंट प्लानर कंपनी के तुषार ने बताया कि इवेंट इंडस्ट्री यहां 1 करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक के बजट वाली शादियों को संभाल रही है. यही वजह है कि इवेंट इंडस्ट्री से जुड़े हर सेक्टर में तेजी देखी जा रही है.
स्थानीय अर्थव्यवस्था को 100 करोड़ का बूस्ट
डेस्टिनेशन वेडिंग के इस बढ़ते ट्रेंड ने जैसलमेर की स्थानीय अर्थव्यवस्था में एक नई जान फूंक दी है. यह प्रभाव केवल होटल उद्योग तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक इकोसिस्टम को लाभ पहुंचा रहा है. कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, फ़ोटोग्राफी, डीजे और डेकोरेशन कंपनियां सीधे तौर पर लाभान्वित हो रही हैं. स्थानीय लोक कलाकारों – मंगणियार, लंगा और कालबेलिया – की मांग दोगुनी हो गई है. ऊंट कारवां, शाही घोड़ा, फायर शो और राजस्थानी फोक परफॉर्मेंस अब इन शाही शादियों का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं. फ्लाइट कनेक्टिविटी बेहतर होने से ट्रांसपोर्ट उद्योग को भी सीधा फायदा मिला है.
होटल और रिसोर्ट संचालक (मिस्टर डेजर्ट, धीरज पुरोहित) बताते हैं कि इस भारी कारोबार से छोटे से छोटे वेंडर और लोकल आर्टिस्ट को सीधा रोज़गार मिल रहा है.
बजट सेगमेंट की अनदेखी
इवेंट प्लानर तुषार ने कनेक्टिविटी को इस उछाल का एक बड़ा कारण बताया, खासकर सर्दियों के दौरान. हालांकि, उन्होंने एक महत्वपूर्ण चुनौती की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा, 'सर्दियों में फ्लाइट कनेक्टिविटी अच्छी होती है, लेकिन पूरे साल ऐसा नहीं हो पाता. अगर पूरे साल कनेक्टिविटी बेहतर हो, तो बजट मिड-रेंज वाले कपल्स के लिए भी यहां आना आसान हो जाएगा. वर्तमान में हाई-एंड शादियां ही आ रही हैं.'
पूरे साल कनेक्टिविटी बेहतर की जाए तो...
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पूरे साल कनेक्टिविटी बेहतर की जाए, तो जैसलमेर डेस्टिनेशन वेडिंग को मध्य-बजट वर्ग के लिए भी खोल सकता है, जिससे कारोबार का विस्तार और भी बड़ा होगा. शहर के ऐतिहासिक स्थल जैसे बाड़ा बाग, गड़ीसर झील, पाटवा की हवेली और रामदेवरा भी प्री-वेडिंग शूट के लिए कपल्स के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
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