Rajasthan: स्लीपर की सीट 36, बना दी 50! फायर सिस्टम गायब, अंदर LPG सिलेंडर...जैसलमेर हादसे के बाद जब्त हुई बसें

Rajasthan News: जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा और यात्री सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपना लिया है. चौमूं क्षेत्र में बसों को जब्त करने की कार्रवाई की गई है जिनमें कई खतरनाक अनियमितताएं पाई गईं.

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परिवहन विभाग की तरफ से जब्त की गई बस
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Chomu bus Seizures News: जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा और यात्री सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपना लिया है. इसी कड़ी में  चौमूं क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दो स्लीपर यात्री बसों को जब्त कर लिया है, जो सुरक्षा नियमों का गंभीर उल्लंघन करती हुई पाई गई. बसें जब्त करने से पहले विभाग ने यात्रियों के लिए वैकल्पिक बस व्यवस्था की गई थी. बैठे यात्रियों को सुबह करीब 4 बजे अन्य बसों में सिंधी कैम्प बस स्टॉप तक छोड़ा गया. 

चौमूं क्षेत्र में दो बसों को किया जब्त

परिवहन विभाग ने चौमूं क्षेत्र में MP44 ZD 9944 और AR11 L 1111 नंबर की दो बसों को जब्त किया है. विभाग के अनुसार, इन बसों में बस बॉडी कोड AIS-119/52 के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन पाया गया. इस कार्रवाई के समय डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा खुद मौजूद रहे. बस में पाई गई अनियमितताओं पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. 

जब्त बस में अनियमितताएं देख बिफरे डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा 
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पहली बस में मिली कई खतरनाक अनियमितताएं

पहली बस ( MP44 ZD 9944)में कई खतरनाक अनियमितताएं मिलीं. बस में आग बुझाने वाली प्रणाली नहीं लगी हुई थी. साथ ही, एक LPG गैस सिलेंडर इस बस में पाया गया जो खतरनाक साबित हो सकता था. इसके अलावा नियमों के मुताबिक, बस की लंबाई के अनुसार स्लीपरों की अधिकतम संख्या 6 पंक्तियों में 36 स्लीपर हो सकती है, लेकिन गाड़ी मालिक ने चैसिस को काटकर बस बॉडी को बढ़ाया और सात पंक्तियां बनाकर कुल 50 स्लीपर लगा रखे थे.बस में आपातकालीन दरवाजे (Emergency Door) नियमानुसार नहीं थे और उन्हें बाधित कर रखा था.

डिप्टी सीएम बैरवा ने जब्त बस की खामियों पर लिया संज्ञान
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अनाधिकृत मॉडिफिकेशन वाले वाहनों को सड़क पर नहीं चलेंगे

दूसरी बस AR11– L –1111 के यात्रियों को बस जब्त करते ही अपने गंतव्य स्थान के लिए वैकल्पिक बस से रवाना करवाया गया. इस कार्रवाई के माध्यम से परिवहन विभाग ने कड़ा संदेश दिया है कि आमजन को खतरे में डालने वाले ऐसे अनाधिकृत मॉडिफिकेशन (Unauthorized Modification) वाले वाहनों को सड़क पर नहीं चलने दिया जाएगा और उन्हें जब्त कर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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