Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार दोपहर हुए भीषण बस अग्निकांड (Jaisalmer Bus Fire Accident) ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है. यह दुर्घटना अब तक 21 लोगों की जान ले चुकी है. इस भयावह मंजर को अपनी आंखों से देखने वाले चश्मदीदों (Eyewitness) की रूह कांप उठी है. NDTV राजस्थान ने हादसे के चश्मदीद एडवोकेट जितेंद्र (Advocate Jitendra) से खास बातचीत की, जिन्होंने उस खौफनाक पल का ब्योरा दिया जब केके ट्रेवल्स (K.K Travels) की स्लीपर बस आग के गोले में तब्दील हो गई थी.
आसमान में धुएं का गुबार और चीखते-चिल्लाते लोग
एडवोकेट जितेंद्र उस वक्त थईयात गांव से जैसलमेर की ओर आ रहे थे. उन्होंने बताया कि जैसे ही वे गांव से कुछ दूर निकले, आसमान में धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया. जब वे नज़दीक पहुंचे, तो सामने का मंजर भयानक था. जितेंद्र ने बताया, 'बस पूरी तरह आग के गोले में बदल चुकी थी. उसके अंदर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे थे, जो मदद के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहे थे. उनके पूरे शरीर में आग लग रही थी. हमने देखा कि शरीर की चमड़ी जल चुकी थी हाथ, पैर और घुटनों से खून बह रहा था. जलते हुए लोग मदद के लिए 'बचाओ-बचाओ' और 'हो रे मर गए, हो रे मर गए' चिल्ला रहे थे. कुछ महिलाओं के तो पूरे कपड़े जल चुके थे. वहां मौजूद लोगों ने अपनी शर्ट और गमछे से आग बुझाने की कोशिश की.'
जाम हुआ दरवाजा, 21 लोगों की मौत का कारण
जैसलमेर बस अग्निकांड में मौतों की संख्या अब 21 हो गई है. जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती 10 वर्षीय यूनुस ने भी दम तोड़ दिया, जिसके बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़ गया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में मौत का मुख्य कारण बस का जाम हुआ दरवाजा था. बस में सिर्फ एक ही दरवाजा था और उसमें इमरजेंसी एग्जिट नहीं था, न ही खिड़की तोड़ने के लिए हथौड़े थे. बस में आग लगते ही ऑटोमैटिक डोर-लॉक सिस्टम एक्टिव हो गया, जिसने भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए. जैसलमेर के एएसपी कैलाश दान ने बताया कि बस के गलियारे में ही अधिकतर शव मिले हैं, जिससे साफ है कि लोग भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दरवाजा अटक गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना को बहुत दुखद बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
'ब्लास्ट कर डर था इसीलिए कोई पास नहीं गया'
चश्मदीद जितेंद्र ने बताया कि बस इस कदर आग का गोला बन चुकी थी कि कोई भी आसपास जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था, इस डर से कि कहीं वो ब्लास्ट न हो जाए. उन्होंने बताया कि घटना स्थल के पास आर्मी एरिया था, और सेना के जवान तेजी से मौके पर पहुंचे और पानी डालकर आग बुझाने का काम शुरू किया. बाद में दमकल की गाड़ियां आईं और आग पर काबू पाया गया. पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आग की शुरुआत एसी कंप्रेसर में हुए एक तेज धमाके से हुई, जिसके बाद डीजल, एसी गैस और फाइबर से बने इंटीरियर ने आग को भीषण रूप दे दिया. यह एक नया रजिस्ट्रड वाहन था, जो अपनी चौथी यात्रा पर था.
डीएनए सैंपलिंग और जांच का दायरा बढ़ा
हादसे के वक्त बस में सवार यात्रियों की संख्या 57 बताई जा रही थी. हालांकि हादसे के अगले दिन जैसलमेर के एक अधिकारी ने NDTV को बताया कि बस में यात्रियों की संख्या 37 थी, जिनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है और 15 गंभीर रूप से घायल हैं. 19 शव बुरी तरह जल चुके हैं. जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे ने पुष्टि की है कि सभी 19 शवों को डीएनए सैंपलिंग और पहचान के लिए जोधपुर भेजा गया है. 24 घंटे में डीएनए रिपोर्ट लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए जयपुर से चार डीएनए एक्सपर्ट की टीम जोधपुर पहुंची है.
बस के ड्राइवर को पुलिस ने किया तलब
पुलिस ने बस के ड्राइवर शौकत और खलासी इलियास को पूछताछ के लिए तलब किया है, जो घटना स्थल से गायब थे. साथ ही बुकिंग एजेंट लक्ष्मण से भी लगातार पूछताछ जारी है. दो मृतकों (सज्जनदास 38, और प्रवीण 34) के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, जो जयपुर के रेनवाल के बताए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घायलों को बेहतरीन उपचार देने और उनके परिजनों को अस्पताल परिसर में ठहरने व भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
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