जैसलमेर बस अग्निकांड: पत्नी और 3 बच्चों समेत जिंदा जल गए आर्मी मैन महेंद्र मेघवाल, दिवाली पर घर लौटते समय हादसा

Rajasthan Bus Accident: जैसलमेर में जिस AC स्लीपर बस में आग लगी, उसमें आर्मी मैन महेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सवार थे. वे सभी अपने दिवाली की छुट्टी पर अपने घर लौट रहे थे. लेकिन बस में शॉर्ट सर्किट के कारण बीच रास्ते में ही उन सभी की जिंदा जलकर मौत हो गई.

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जैसलमेर बस अग्निकांड में एक ही परिवार के 5 लोग खत्म.
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को हुए भयानक बस अग्निकांड (Jaisalmer Bus Fire) ने एक पूरे परिवार को उजाड़ दिया है. हादसे में जान गंवाने वालों में भारतीय सेना के जवान महेंद्र मेघवाल (Mahendra Meghwal) भी शामिल हैं, जो दिवाली (Diwali 2025) की छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे. 35 वर्षीय महेंद्र मेघवाल सेना के आयुध डिपो में तैनात थे और अपनी पत्नी पार्वती, दो बेटियों और एक बेटे के साथ डेचू के पास स्थित लवारन गांव जा रहे थे. इसी दौरान बस में आग लग गई और सभी की मौत हो गई.

DNA सैंपलिंग ही पहचानने की आखिरी आस

बस अग्निकांड की भयावहता ऐसी थी कि शव पूरी तरह जलकर खाक हो गए हैं और उनकी पहचान करना लगभग असंभव है. ऐसे में, महेंद्र मेघवाल और उनके परिवार की पहचान भी अब डीएनए सैंपलिंग के जरिए ही हो सकेगी. दुख की इस घड़ी में, महेंद्र की पत्नी पार्वती के भाई DNA सैंपल देने के लिए जोधपुर स्थित मोर्चरी पहुंच चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर, मृतक महेंद्र की माताजी को जोधपुर लाया जा रहा है ताकि उनके भी DNA सैंपल लिए जा सकें. यदि स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी आती है, तो जिला प्रशासन ने जोधपुर से या स्थानीय स्टाफ की डॉक्टर्स टीम को उनके घर भेजने का इंतजाम करने का निर्णय लिया है. यह कदम पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाने और शोक संतप्त परिवार की सुगमता के लिए उठाया गया है.

एक परिवार, पांच जिंदगियां... सब खत्म

जैसलमेर से जोधपुर के बीच चल रही के.के. ट्रैवल्स की जिस बस (RJ 09PA8040) में यह हादसा हुआ, उसमें कुल 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जोधपुर के अस्पतालों में चल रहा है. लेकिन महेंद्र मेघवाल के परिवार की कहानी इस त्रासदी का सबसे दर्दनाक अध्याय है. दिवाली और परिवार के साथ बिताई जाने वाली छुट्टियों का उत्साह पल भर में धुआं बनकर उड़ गया. एक फौजी जो देश की सेवा में जुटा था, उसकी और उसके पूरे परिवार की जीवन-यात्रा एक सिंगल डोर वाली स्लीपर बस के भीतर जलकर खत्म हो गई.

पीएम मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान

जैसा कि चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पहले ही इशारा किया था कि बस में निकासी के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा था, जिसके कारण लोग बाहर नहीं निकल पाए. यह त्रासदी बस सुरक्षा मानकों के घोर उल्लंघन पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है. इस मामले में जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घायलों से मुलाकात कर जांच के आदेश दिए हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के परिजनों के लिए ₹2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है. फिलहाल सुरक्षा अधिकारियों ने जोधपुर में प्रवेश करने वाली सभी यात्री बसों की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी ज्वलनशील सामग्री या सुरक्षा चूक दोबारा न हो.

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