Jaisalmer में बीमार बच्चे के पिता के आंसू से भी नहीं पिघला कम्पाउंडर, धक्के मार कर अस्पताल से निकाल दिया बाहर

रामगढ़ के रहने वाले चुतराम के बेटे का है. जिसे वह करीब 11 बजे तबियत खराब होने पर अस्पताल लाया था.

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Jaisalmer News: सरहदी जिले जैसलमेर के 5 हजार आबादी वाले रामगढ़ कस्बे में सरकारी अस्पताल के हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे है. जिसकी सुध न तो वहां के जनप्रतिनिधि लेते है और न ही चिकित्सा विभाग के आधिकारी. इसी कारण मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे जाते है. ऐसा ही ताजा मामला बीती रात रामगढ़ के रहने वाले चुतराम के बेटे का है. जिसे वह करीब 11 बजे तबियत खराब होने पर अस्पताल लाया था. जहां पर डयूटी पर तैनात चिकित्साकर्मी ने उसके बेटे का इलाज करने से इंकार कर दिया था.

इसके बाद वह चिकित्सक के क्वार्टर पर बच्चे की जांच कर दवाई देने की गुहार लगाई. इस पर डॉक्टर ने चिकित्साकर्मी को उपचार करने के लिए कहा तो चिकित्साकर्मी ने उनकी भी बात नहीं मानी. वहीं चिकित्साकर्मी के रवैये से नाराज होकर परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा दिया. 

पुलिस ने कराया मामला शांत

हंगामा बढ़ता देख अस्पताल के अधिकरियों ने पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों से समझाईस कर मामला शांत करवाया. वहीं मौजूद लोगों ने चिकित्साकर्मी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कार्यवाई करने की मांग की है.

SC- ST एक्ट के तहत कराया मामला दर्ज

मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि, रामगढ़ थाने में एससी- एसटी एक्ट में चुतराम ने रामगढ़ अस्पताल में कार्यरत कम्पाउंडर पदमसिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. जिसमें उसने डयूटी के दौरान कम्पाउंडर पदमसिंह के जरिए बीमार बच्चे के परिजनों को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने और गाली गलौज करने का आरोप लगाया है. 

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क्या था मामला

पिता चुतराराम भील ने रिपोर्ट में बताया कि उसके बेटे हाथीराम (5) की तबीयत खराब होने पर वह उसे देर रात अस्पताल लेकर आया था. उस समय वहां कम्पाउंडर पदमसिंह ड्यूटी पर तैनात थे. उसने बच्चे का उपचार करने मना कर दिया और जातिसूचक शब्दों से उसे अपमानित किया. साथ ही धक्के मार कर अस्पताल से बाहर निकाल दिया. उसके बाद चुतराराम भील ने डॉ. आलोक को नींद से जगाकर अपने बच्चे का इलाज करवाया. 

रामगढ़ थाना अधिकारी जय किशन ने मामले की शुरूआती जांच में पाया कि इस मामले में डॉक्टर और चिकित्सकर्मी के बीच पर्ची को लेकर सामंजसय की कमी नजर आई है, बाकी मरीज के परिजन के साथ क्या हुआ,यह अभी जांच का विषय है.

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