Jaisalmer: घटिया क्वालिटी के चावल, पानी वाली दाल और भिनभिनाती मक्खियां, अन्नपूर्णा रसोई में सेहत से खिलवाड़

Jaisalmer News: योजना के तहत प्रति व्यक्ति 8 रुपए में 600 ग्राम पोस्टिक भोजन मिलने की बात भी कही जाती है. इसकी हकीकत जानने के लिए एनडीटीवी ने जैसलमेर में अन्नपूर्णा रसोई की व्यवस्था पर पड़ताल की.

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Ground report on Annapurna Yojna: राजस्थान सरकार की मंशा है कि कोई गरीब भूखा ना सोए. इस संकल्प को पूरा करने के लिए श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना (Annapurna Rasoi Yojna) के तहत प्रदेशभर में रसोई भी संचालित की जा रही है. योजना के तहत प्रति व्यक्ति 8 रुपए में 600 ग्राम पोष्टिक भोजन मिलने की बात भी कही जाती है, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है. रियलिटी चेक करने के लिए एनडीटीवी ने जैसलमेर (Jaisalmer) में अन्नपूर्णा रसोई की व्यवस्था के बारे में पता किया. ग्राउंड रिपोर्ट में जो तस्वीर सामने आई, वह हैरान कर देने वाले हैं. सरहदी जिले में संचालित हो रही इस रसोई में दावा तो गरीबों को दो वक्त का गुणवत्तापूर्ण आहार दिए जाने का किया जाता है, लेकिन हालात चिंताजनक है. 

आलू-प्याज सिर्फ मेन्यू में, थाली से गायब है सब्जी

रसोई के बोर्ड पर मेन्यू में आलू-प्याज़ की सब्जी लिखी हुई थी, लेकिन प्लेट में कही नजर नहीं आई. जब रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो रसोई घर में ताला लगा हुआ था और खाना खिलाने के लिए रखी प्लेट्स पर मक्खियां भिनभिना रखी थी. हर तरफ गंदगी के चलते बदबू आ रही थी. किचन में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि 100 लोगों का खाना एक वक्त में बनता है. 

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पोष्टिक आहार के नाम पर थाली में घटिया खाना

यही नहीं, खाने पकाने के लिए इस्तेमाल की जा रही सामग्री की भी क्वालिटी अच्छी नहीं थी. घटिया कवालिटी के चावल को पकाया जा रहा था, जबकि दाल के नाम पर सिर्फ पानी परोसा गया. प्लेट में रखी हुई रोटी भी पूरी तरह से जली हुई थी. जाहिर तौर पर ऐसा खाना खाने वाला व्यक्ति बीमार ही पड़ेगा. बावजूद इसके इसे पोष्टिक आहार कहकर थाली में परोसा जा रहा है.  

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