राजस्थान के आगामी बजट से जैसलमेर को 'दोगुनी' उम्मीद, बॉर्डर टूरिजम डेवलपमेंट होगा सबसे बड़ा तोहफा!

Jaisalmer Budget Expectation 2024: राजस्थान के आगामी बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में बताते हुए लोगों ने कहा, 'सरकार अगर सही मायने में जैसलमेर के पर्यटन को बढ़ाना चाहती है तो बॉर्डर टूरिजम के डेवलपमेंट पर फोकस कर आने वाले बजट में शामिल करना चाहिए.'

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जैसलमेर.

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार 10 जुलाई को अपना पहला पूर्ण कालिक बजट पेश करने जा रही है. इस बजट से जैसलमेर सहित प्रदेशभर के वाशिंदो को खासी उम्मीदें है. जब बात जैसलमेर की आएगी तो पर्यटन पर चर्चा लाजमी है. जैसलमेर जिसे विश्व के पर्यटन मानचित्र पर स्वर्णनगरी या गोल्डन सिटी के रूप में भी जाना जाता है. यहां का आर्थिक ढांचा पर्यटन पर टिका है. बजट को लेकर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगो की क्या उम्मीदे हैं. वो सरकार से पर्यटन को बढ़ाने के लिए किस तरह के बजट की अपेक्षा रखते है. इन तमाम बातों को लेकर हमारे संवाददाता श्रीकांत व्यास ने जैसलमेर के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े होटलियर्स, रिसोर्ट व रेस्टोरेंट संचालक, हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी, टूर प्लानर्स व गाइड्स से बातचीत की.

पर्यटन सेक्टर को इस बार 'दोगुनी' उम्मीद

प्रिया होटलस एन्ड रिसोर्ट्स के ओनर मयंक भाटिया ने बताया कि इस बार के बजट से पर्यटन सेक्टर की उम्मीदें दोगुनी हैं, क्योंकि प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के पास वित के साथ ही पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी है और केंद्र में भी पर्यटन की जिम्मेदारी जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के पास है. जैसलमेर एक हेरिटेज सिटी है और जैसलमेर जैसा हेरिटेज पूरे हिंदुस्तान में कहीं नहीं है. हमें उम्मीद है कि इस हेरिटेज को मेन्टेन करने के किए बजट में इस गोल्डन सिटी के सीवरेज, ड्रेनेज व इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए अलग से बजट दिया जाने की उम्मीद है. 

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पर्यटन सुरक्षा बल के तैनाती की जरूरत

इम्पीरियल ग्रुप के ऋषि तेजवानी बताते हैं कि जैसलमेर के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए सरकार को इस बजट में कुछ प्लानिंग करके विशेष बजट देना चाहिए, जिसके तहत एक टोल फ्री नंबर जारी करना चाहिए. अगर किसी पर्यटक को किसी प्रकार की समस्या आती है या फिर कोई जानकारी वह चाहते हैं तो उन्हें टोल फ्री नंबर के माध्यम से सहायता मिल सके. पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एक पर्यटन सुरक्षा बल के तैनात की भी आवश्यकता है. पर्यटन तभी बढ़ेगा जब वह सुरक्षित महसूस करेगा.

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गाइड्स के लिए राहत पैकेज की उम्मीद

जैसलमेर गाइड वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष जितेंद्र पुरोहित ने कहा कि गाइड वर्क को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं. गाइड्स को 1 साल में लगभग 6 माकाम मिलता है, लेकिन पीछे के छह गाइड्स को 1 साल में लगभग 6 काम मिलता है. उनके लिए बड़ी कठिनाइयां से भरपूर रहते हैं. गाइड्स के लिए हम एक राहत पैकेज की उम्मीद इस सरकार के बजट से रखते हैं.

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न पर्याप्त फ्लाइट्स है. .न ही ट्रेन

लंबे वक्त से पर्यटन के सेक्टर में काम कर रहे छगन सिंह बताते हैं कि सन नगरी का टूरिज्म ही यहां की इकोनॉमी का मुख्य आधार है. मैंने महसूस किया है कि पिछले सालों में यहां 200 और 500 करोड़ के होटल आ रहे हैं, लेकिन जब हम उन्हें बिजनेस देने के लिए कनेक्टिविटी की तरफ देखते हैं तो न पर्याप्त फ्लाइट्स है. .न ही ट्रेन है. ऐसे में पर्यटक आएगा कैसे? किसी भी टूरिस्ट प्लेस को डेवलप करने के लिए कनेक्टिविटी सबसे ज्यादा जरूरी है, जिसका यहां अभाव महसूस होता है. अगर प्रतिदिन 10 से 15 ट्रेन वह 15 से 20 फ्लाइट का संचालन किया जाए तो 40% प्रतिशत तक टूरिजम बढ़ सकता है.

मोन्यूमेंट्स की देखरेख के लिए पैकेज 

वंतिका टूर्स के ओनर रविंद्र श्रीपत बताते हैं कि जैसलमेर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाल्यावस्था से ट्रेंड करता हुआ शहर है. जैसलमेर में सोशल मीडिया अब काफी बिजनेस आ रहा है. भविष्य भी काफी सुनहरा नजर आता है. जरूरत है कि सरकार अपने तमाम योजनाओं व बजट में जैसलमेर के तमाम हेरिटेज मोन्यूमेंट्स की देख रेख के लिए विशेष रूप से पैकेज निकाले साथ ही नए मोन्युमेन्टस भी डेवलप करे.

हैंडीक्राफ्ट कारीगरों को विशेष योजना

हैंडीक्राफ्ट बिजनेस से जुड़े जितेंद्र बताते हैं कि जैसलमेर देश भर में हैंडीक्राफ्ट को प्रमोट करने वाला शहर है. थार के रेगिस्तान में बनने वाले हैंडीक्राफ्ट आइटम्स की एक सांस्कृतिक पहचान भी है. इससे घरेलू महिलाओं को भी बड़े स्तर पर रोजगार मिलता है. हैंडीक्राफ्ट का काम कर रही महिलाओं को संबल देने के लिए सरकार को विशेष योजना बनाकर बजट में शामिल करना चाहिए.

बॉर्डर टूरिज्म सबसे बड़ी मांग

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े राजेंद्र अवस्थी बताते हैं कि पिछली सरकार ने पर्यटन व्यवसाईयों से पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई सुझाव व प्रस्ताव लिए थे, वर्तमान सरकार पर्यटन व्यवसाईयों की प्रस्तावों पर विचार करें. वह अगर उन्हें धरातल पर एग्जिक्यूट करने के किए बजट में लिया जाए तो इसका लाभ जरूर पर्यटन को मिलेगा. वहीं पर्यटन व्यवसाई मयंक भाटिया अंत में बताते हैं कि इस बजट में सबसे बड़ी मांग व उम्मीद बॉर्डर टूरिज्म से जुड़ी है. कुछ वर्ष पूर्व केंद्रीय व राज्य सरकार ने मिलकर जैसलमेर की बबलियान सीमा चौकी पर बाघा बॉर्डर की तर्ज पर सेरेमनी करने व कई एक्टिवीज को जोड़ने का फैसला लिया था, जिसके तहत करोड़ो रुपए खर्च भी किए गए थे. लेकिन कुछ रिस्ट्रिक्शंस के चलते यह योजना बीच में ही ठप हो गई थी. सरकार अगर सही मायने में जैसलमेर के पर्यटन को बढ़ाना चाहती है तो बॉर्डर टूरिजम के डेवलपमेंट पर फोकस कर आने वाले बजट में शामिल करना चाहिए.