Rajasthan: जैसलमेर में अस्पताल 'बीमार': गेट पर गार्ड नहीं, जमीन पर सोते लोग, NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा

Jaisalmer News: राजस्थान की स्वर्ण नगरी जैसलमेर को केंद्र सरकार ने पहले जिले का खिताब दिया है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य सुविधाएं नंबर वन नजर नहीं आ रही हैं. जिसको लेकर NDTV ने यहां के सबसे बड़े जवाहर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं की पड़ताल की, जिसमें ये हर तरफ फेल नजर आईं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Jaisalmer Jawahar Hospital
NDTV

Jaisalmer: देश के आखिरी छोर पर बसे बड़े सरहदी जिले जैसलमेर को केंद्र सरकार ने देश के पहले जिले की संज्ञा दी है. लेकिन चिकित्सा के क्षेत्र में यह जिला आज भी उदासीनता का शिकार है. NDTV ने जैसलमेर के सबसे बड़े जिला अस्पताल जवाहर अस्पताल (Jawahar Hospital) का रियलिटी चेक किया. इसमें अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुलती हुई देखी जा सकती है. जवाहर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की हकीकत बार-बार सामने आ रही है. NDTV ने पाया कि अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों, तीमारदारों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा भगवान भरोसे है. अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों को सुरक्षा देने वाले गार्ड परिसर में कहीं नजर नहीं आए.

जमीन पर सोते तीमारदार
Photo Credit: NDTV

ट्रॉमा सेंटर में कई मरीजों के लिए एक डॉक्टर

अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की बात करें तो यहां हर दिन गंभीर मरीजों का इलाज होता है, लेकिन कई मरीजों के लिए सिर्फ एक डॉक्टर ही उपलब्ध था. सुरक्षाकर्मियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पहले तो ट्रॉमा सेंटर में गार्ड की मौजूदगी का हवाला दिया, लेकिन सच्चाई बताने पर उन्होंने माना कि प्रवेश और एग्जिट गेट पर गार्ड नहीं हैं, लेकिन होने चाहिए.

कूड़ेदान के बाहर पड़ा कूड़ा
Photo Credit: NDTV

वार्डों की दीवारों पर सीलन और गलियारों में गंदगी के ढेर 

हमारी टीम ने ट्रॉमा सेंटर के बाद अस्पताल के वार्डों का हाल जाना. जिसमें बेड पर ठंड से कांपते मरीज, दीवारों पर सीलन और अस्पताल का गलियारा गंदगी से पटा नजर आया. इन सब बातों को जानने के लिए जब ड्यूटी पर मौजूद एक नर्स से इन हालातों के बारे में पूछा गया तो उसने टालने की कोशिश की.

इसके बाद मरीजों से बात करने पर यहां मिलने वाली सुविधाओं का सच सामने आया. जिसमें उन्होंने बताया कि अस्पताल में ठंड से बचने के लिए हीटर या अन्य किसी चीज की व्यवस्था नहीं है, यहां उपलब्ध कंबल भी किसी को दिए गए हैं तो किसी को नहीं. वार्डों की दीवारों पर सीलन है. चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. बाथरूम में पानी की किल्लत है.

Advertisement

तीमारदार जमीन पर सोते हुए आए नजर

इसके अलावा तीमारदारों को मिलने वाली सुविधाओं का भी बुरा हाल है. जहां मरीजों को भी अस्पताल में ठंड से बचने के लिए सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, वहीं तीमारदारों को सुविधाएं न मिलना कोई नई बात नहीं होगी. मरीजों के साथ अस्पताल आए तीमारदार जहां जगह मिली वहीं फर्श पर बिस्तर बिछाकर सोते नजर आए.

अस्पताल परिसर में गंदगी का आलम यह था कि डस्टबिन भरे हुए थे. सारा कूड़ा बेतरतीब तरीके से बिखरा हुआ था. यहां तक ​​कि वाटर कूलर में भी पानी नहीं आ रहा था. जिस टैंक में पानी था, वह पूरी तरह मिट्टी और गंदगी से भरा हुआ मिला.

Advertisement

गेट पर गार्ड नहीं
Photo Credit: NDTV

सवालों पर पीएमओ ने साधी चुप्पी

जवाहर अस्पताल के इन हालातों को लेकर अस्पताल के पीएमओ डॉ. चंदन सिंह से सवाल पूछे गए, तो उन्होंने चौंकाने वाले जवाब दिए. सुरक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि हर शिफ्ट में 3 सुरक्षाकर्मी होते हैं, लेकिन मौके पर सिर्फ एक ही नजर आया. उन्होंने कहा कि अन्य व्यवस्थाओं के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि वार्ड में एक ही कमरे में पुरुष और महिलाएं क्यों भर्ती हैं और रात की ड्यूटी पर सिर्फ एक ही नर्सिंग स्टाफ क्यों है, तो उनके पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं था.

Topics mentioned in this article