Rajasthan: सेना के शौर्य को अनूठा सलाम, गोडावण के चूजों का नाम रखा गया 'व्योम' और 'सोफिया'

Rajasthan News: जैसलमेर में भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का सम्मान करने के लिए लोग अनोखा तरीका निकाला गया है. जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.

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Indian Great Busturd News: देश भर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का सम्मान करने के लिए लोग अनोखे तरीके अपना रहे हैं. इसी कड़ी में सीमावर्ती जिले जैसलमेर ने एक अनूठा तरीका ढूंढ निकाला है, जहां राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड - जीआईबी) के नवजात चूजों का नाम इस सैन्य ऑपरेशन से जुड़े प्रमुख अधिकारियों और महत्वपूर्ण पड़ावों के नाम पर रखा गया है. यह पहल वन्यजीव संरक्षण को राष्ट्रीय गौरव की गाथा से जोड़ने का एक अद्भुत उदाहरण बन गई है.

ऑपरेशन सिंदूर की गूंज, गोडावण के आंगन में

जैसलमेर के सुदासरी और सम में स्थित गोडावण प्रजनन केंद्रों में अब 'सिंदूर', 'एटम', 'मिश्री', 'व्योम' और 'सोफिया' जैसे नाम सुनाई देते हैं. इन केंद्रों पर विज्ञान और रणनीति मिलकर भारत के सबसे लुप्तप्राय पक्षियों में से एक गोडावण के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं. इस साल 2025 में अब तक कुल 21 गोडावण चूजों का जन्म हो चुका है, जिसमें 1 जून को जन्मा एक और चूजा भी शामिल है। मई माह में कुल सात चूजों का जन्म दर्ज किया गया.

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हर नाम एक कहानी, हर नाम एक सम्मान

ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित नामकरण की शुरुआत 5 मई को पैदा हुए चूजे से हुई, जिसका नाम सीधे सैन्य अभियान के नाम पर 'सिंदूर' रखा गया. इसके बाद:

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  •  'एटम': 9 मई को जन्मे गोडावण का नाम 'एटम' रखा गया, जो ऑपरेशन की सामरिक शक्ति को समर्पित है.
  • 'मिश्री': 19 मई को जन्मे नवजात पक्षी का नाम 'मिश्री', साइबर-जासूसी के खिलाफ काम कर रही खुफिया टीम के उस अफसर को श्रद्धांजलि स्वरूप रखा गया, जिनका कोडनेम ‘मिश्री' था.
  • 'व्योम': 23 मई को जन्मे गोडावण पक्षी का नाम 'व्योम' रखा गया, जो भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह से प्रेरित है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग की अगुवाई की थी.
  • 'सोफिया': और 24 मई को जन्मे गोडावण का नाम 'सोफिया' रखा गया, जो भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी से प्रेरित है, जो सेना में महिला नेतृत्व की मिसाल बनीं.

राष्ट्रीय मरू उद्यान के प्रखंड वन अधिकारी (डीएफओ) बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि गोडावण चूजों को देशभक्तिपूर्ण नाम देकर, हम वन्यजीव संरक्षण की कहानी को राष्ट्रीय शौर्य की गाथा से जोड़ रहे हैं. यह अभियान केवल एक पक्षी के संरक्षण का नहीं है, यह उन मूल्यों को संरक्षित करने का है जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं."

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ऑपरेशन सिंदूर: जब भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था.इसके बाद भारत ने अपने सैन्य और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने के पाकिस्तान के कुत्सित प्रयासों का कड़ा जवाब दिया था.

गोडावण संरक्षण: एक राष्ट्रीय प्राथमिकता

कभी देश के कई राज्यों में विचरण करने वाला गोडावण यानी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड आज सिर्फ राजस्थान के कुछ सीमित इलाकों में ही दिखाई देता है. एक समय इसकी संख्या हजारों में थी, लेकिन शिकार, आवासीय इलाके घटने और मानवीय हस्तक्षेप के चलते यह लगभग विलुप्त हो गया था.बाद में भारत सरकार ने इसे 'क्रिटिकली एंडेंजर्ड' घोषित किया और राजस्थान सरकार ने गोडावण संरक्षण को प्राथमिकता दी.

'प्रोजेक्ट जीआईबी' से गोड़ावण की संख्या बढ़ी

इसी के तहत जैसलमेर के सुदासरी और सम प्रजनन केंद्र में इस प्रजाति के संरक्षण का विशेष अभियान शुरू किया गया, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं. साल 2018 में केंद्र सरकार, भारतीय वन्य जीव संस्थान (देहरादून) और राज्य सरकार ने मिलकर 'प्रोजेक्ट जीआईबी' के तहत काम शुरू किया था। इन गोडावणों के नवजातों को प्राकृतिक वातावरण में पाला जा रहा है और प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि आने वाले समय में उन्हें खुले रेगिस्तान में छोड़ा जा सके. यह पहल दिखाती है कि कैसे राष्ट्र के गौरव और प्रकृति के संरक्षण को एक साथ बढ़ावा दिया जा सकता है.

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