जैसलमेर में बड़ा हादसा, पाक विस्थापित दंपत्ति की मौत, पति को बचाने गई थी पत्नी

राजस्थान के जैसलमेर जिले के सांगाना गांव में खेत में काम करते समय एक दर्दनाक हादसे में पाक विस्थापित पति-पत्नी की मौत हो गई. परिजनों ने खेत मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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घटना स्थल की तस्वीर

Jaisalmer Electric Current News: राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर से दिल दहला देने वाले हादसे की खबर सामने आई है. जहां जैसलमेर के सांगाना गांव में खेत में काम कर रहे पाक विस्थापित पति-पत्नी की मौत हो गई. दरअसल खेत में ट्रैक्टर से काम करते समय ट्रैक्टर पर बिजली का तार गिर गया,  जिससे ट्रैक्टर पर करंट आ गया. करंट की चपेट में आए पति को पत्नी बचाने गई, जिससे दोनों दम्पति करंट की चपेट में आ गए और दोनों की दर्दनाक मौत हो गई.

परिजन कर रहे मुआवजे की मांग

दरअसल, यह दोनों पति पत्नी है और कास्तकारी का काम करते थे. रिश्तेदारों ने सांगड़ थाना पुलिस को सूचना दी. सांगड़ थाना पुलिस दंपती के शवों को लेकर जवाहिर हॉस्पिटल पहुंची. जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया. मृतकों के परिजनों ने शवों को मोर्चरी में रखवाया और घटना की सही जांच करने की मांग कर रहे है. वहीं जब तक खेत मालिक और बिजली विभाग उचित मुआवजा नहीं देगा, तब तक शव नहीं उठाने की बात कही है.

तार के संपर्क में आने से लगा करंट

मृतक के परिजनों का कहना है कि फोटाराम ओड ट्रैक्टर से खेत में बुआई कर रहा था तभी विद्युत पोल गिर गया और तार के सम्पर्क में आने से करंट लग गया. पति कों बचाने गई पत्नी में तार में उलझ गई, जिससे वो भी करंट की चपेट में आ गई और दोनों की मौत हो गई.

विद्युत विभाग की लापरवाही आई सामने

परिजनों ने आरोप लगाया है कि विद्युत पोल केवल रेत में दो फीट ही अंदर था. ना तो उसका कोई फाउंडेशन बनाया हुआ था और ना ही कोई पत्थर आदि से उसको पक्का किया था. ट्रैक्टर चलाते समय जैसे ही खेत की मिट्टी को बुवाई के समय तवी की जा रही थी उसी दौरान मिट्टी में धंसा बिजली का पोल ट्रैक्टर पर गिर पड़ा. इस दुर्घटना में विद्युत विभाग की भी लापरवाही सामने आई है.

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मृतक के 5 छोटे बच्चे 

परिजनों ने मुआवजे की मांग करते हुए बताया कि मृतक दंपती पाक विस्थापित है और करीब डेढ़ साल पहले ही इंडिया आए थे. मृतक दंपत्ति के 5 छोटे बच्चे हैं. सबसे बड़ा 13 साल का लड़का फिलहाल पाकिस्तान में ही है. उसे भारत का वीजा नहीं मिला है. वही अन्य चार बच्चे इनके साथ ही रहते हैं. इन बच्चों के लिए जीवन यापन करना अब मुश्किल हो जाएगा. उन्हे मुआवजा नहीं मिलने तक हम शव नहीं ले जाएंगे.
 

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